शुक्रवार को लातूर में शिवसैनिकों द्वारा आरटीआइ कार्यकर्ता मल्लिकार्जुन भाईकट्टी के चेहरे पर कालिख मलने और उनकी पिटाई के मामले में पुलिस ने 26 शिवसैनिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उधर, घायल भाईकट्टी अस्पताल में भर्ती हैं और उन्हें ठीक होने में तीन हफ्ते का वक्त लगेगा। उनके कंधे, छाती, पीठ और जांघ पर चोटें आई हैं। अब शिवसेना इस मामले से पीछा छुड़ाना चाहती है लिहाजा उसने घटना की निंदा कर शिवसैनिकों को पार्टी से निकालने की घोषणा की है।

आरटीआइ कार्यकर्ता भाईकट्टी की पिटाई मामले से पीछा छुड़ाने के लिए शिवसेना ने अपने युवा नेता आदित्य ठाकरे को आगे किया है। ट्विटर पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि उन्होंने लातूर की घटना के बारे में सुना। पार्टी इस शर्मनाक घटना की निंदा करती है। इस घटना में जो भी शामिल थे, उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया है।

शिवसैनिकों द्वारा अपने विरोधियों के चेहरे पर कालिख मलने की एक महीने के अंदर यह दूसरी घटना है। 12 अक्तूबर को पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की किताब के विमोचन से ठीक पहले शिवसैनिकों ने समारोह के आयोजक सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोती थी। शिवसेना ने कुलकर्णी को पाकिस्तानी एजंट बता कर अपने कृत्य को उचित ठहराने की कोशिश की थी।

भाईकट्टी ने आरटीआइ के जरिये लातूर के राजर्षि शाहू महाराज महाविद्यालय में हुई अनियमितताओं को उजागर किया था। लिहाजा शिवसैनिक उन्हें सबक सिखाना चाहते थे।

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