सत्ताधारी गठबंधन के घटक दलों के आपसी संबंधों में तनाव के बीच शिवसेना ने मुंबई में एक पोस्टर निकाला है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उस दौर को लेकर कटाक्ष किया गया है जब भाजपा नेता पार्टी के पूर्व प्रमुख दिवंगत बाल ठाकरे के समक्ष ‘‘सिर झुकाते’’ थे।
यह पोस्टर पार्टी की पूर्वी मुंबई इकाई ने दादर स्थित शिवसेना भवन में पार्टी की पारंपरिक सालाना दशहरा रैली के पहले लगाया है। पोस्टर में मोदी आदर के साथ ठाकरे के समक्ष सिर झुका रहे हैं। इस तस्वीर के साथ लिखी पंक्ति कहती है, ‘‘क्या उन दिनों को भूल गए हो, जब तुम्हारी गर्व से तनी गर्दनें दिवंगत बालासाहेब के चरणों में झुकी होती थीं।’’
बहरहाल, शिवसेना ने बुधवार को अपने को इस विवादास्पद पोस्टर से अलग करने का प्रयास किया। उसने कहा कि इससे उसका कोई लेना देना नहीं है और यह किसी गुस्साये शिवसेना कार्यकर्ता का काम हो सकता है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के एक करीबी सहयोगी ने कहा कि पोस्टर को पार्टी की ओर से कोई ‘‘आधिकारिक’’ समर्थन प्राप्त नहीं है। सहयोगी ने कहा, ‘‘शायद इसे शिवसेना के किसी गुस्साए कार्यकर्ता ने लगाया है।’’
इस बीच, बृहन्नमुंबई नगर निगम के सूत्रों ने कहा कि पोस्टर को अब हटा लिया गया है। महाराष्ट्र भाजपा के प्रवक्ता गिरीश व्यास ने सेना के इस कदम पर व्यंग्यात्मक शैली में कहा कि भविष्य में उद्धव के पुत्र आदित्य को श्रद्धा से मोदी के समक्ष सिर झुकाते हुए दर्शाने वाले पोस्टर भी देखे जा सकते हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के पहले दोनों दलों के बीच हुए कड़वे अलगाव के बाद से ही शिवसेना के भाजपा के साथ रिश्ते बनते-बिगड़ते रहे हैं। दोनों दलों ने चुनावी नतीजे घोषित होने के बाद मजबूरी में गठबंधन कर लिया था। गठबंधन के सहयोगियों के बीच कई मुद्दों पर विवाद होते रहे हैं। इन मुद्दों में जैतापुर के परमाणु संयंत्र से लेकर विभागों का बंटवारा तक शामिल है।
शिवसेना द्वारा पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली के पुणे और मुंबई में आयोजित होने वाले समारोहों को रद्द किए जाने और भाजपा के पूर्व सदस्य सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर हाल ही में कालिख पोते जाने के कारण हिंदुत्व समर्थक इन सहयोगियों के बीच की दूरी और अधिक बढ़ती दिखाई दे रही है। शिवसेना पाकिस्तानी शख्सियतों के खिलाफ अपने आक्रामक अभियान के तहत इस तरह के हथकंडे अपना रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी ने कहा, ‘‘शिवेसना उतनी बड़ी पार्टी नहीं है कि वह भाजपा के लोगों को संदेश दे किन्तु पार्टी का रुख स्पष्ट है, कभी सत्ता में आने के बाद अपने पुराने रुख को मत छोड़ो। सत्ता में आने के बाद यदि सुर बदल जाएं तो शिवसेना उसे पसंद नहीं करेगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना ने भाजपा के साथ कई बार समझौते किए हैं। किन्तु इन समझौतों का उद्देश्य मंत्री या अन्य पद पाने के लिए नहीं किए गये और आगे भी नहीं किए जाएंगे।’’पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी कि एक बात स्पष्ट है कि भाजपा एवं शिवसेना की विचारधारा समान है।
मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरीश बापट ने कहा, ‘‘कई बार बड़े भाई (भाजपा) को सहन करना पड़ता है। पता नहीं वे सहन करते हैं या नही, किन्तु हम सहन करते हैं क्योंकि हम सरकार बरकरार रखना चाहते हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि भाजपा शिवसेना के पोस्टर वाले कदम का प्रतिकार कैसे करेगी, उन्होंने कहा, ‘‘बड़ा भाई उपयुक्त समय पर ही कोई उपयुक्त रुख अपनाता है।’’
भाजपा विधायक राम कदम ने कहा, ‘‘बाल ठाकरे के लिए सदैव सम्मान रहा है। उसके लिए कोई पार्टी बाधा नहीं थी।’’
उन्होंने कहा कि शिवसेना भवन के समीप विवादास्पद पोस्टर संभवत: कल्याण डोम्बिवली नगर निगम चुनाव की पृष्ठभूमि में लगाया गया हो जहां दोनों दल अलग अलग चुनाव लड़ रहे हैं।
लगातार ब्रेकिंग न्यूज, अपडेट्स, एनालिसिस, ब्लॉग पढ़ने के लिए आप हमारा फेसबुक पेज लाइक करें, गूगल प्लस पर हमसे जुड़ें और ट्विटर पर भी हमें फॉलो करें