दशहरा रैली से उत्साहित महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे शिवसेना पर कब्जे के लिए चुनाव आयोग के पास गए तो उद्धव ठाकरे से जवाब मांगा गया। उद्धव ने आयोग को लिखे जवाब में दो टूक कहा है कि शिंदे ने अपनी मर्जी से पार्टी छोड़ी तो वो शिवसेना पर कैसे क्लेम कर सकते हैं। उनका दावा सरासर गलत है।
शिंदे खेमे का दावा है कि उद्धव ठाकरे के पास बहुमत नहीं है। उन्होंने अभी तक कोई दस्तावेज जमा नहीं किया है। शिंदे गुट ने अपनी चिट्ठी में चुनाव आयोग से 3 नवंबर को होने वाले अंधेरी पूर्व सीट के उपचुनाव से पहले चुनाव चिह्न आवंटित करने का अनुरोध किया था।
शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। शिंदे गुट ने शिवसेना का चुनाव निशान धनुष बाण भी उनको दिए जाने की मांग की है। चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट से शनिवार दोपहर 2 बजे तक जवाब देने को कहा है। चुनाव आयोग ने पहले दोनों गुटों से 7 अक्टूबर तक अपनी बात रखने और लिखित बयान देने को कहा था ताकि मामले की सुनवाई शुरू की जा सके।
ध्यान रहे कि शिवसेना में बगावत के बाद से ही शिवसेना पर कब्जे को लेकर विवाद चल रहा है। एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे खुद को असली शिवसेना बता रहे हैं। लेकिन गेंद फिलहाल चुनाव आयोग के पाले में है। आयोग की सुनवाई महत्वपूर्ण है क्योंकि ये तय करेगी कि किस गुट को ‘धनुष और तीर’ का चिन्ह मिलेगा।
दशहरा रैली के दौरान शिंदे गुट ने खुद को असली शिवसेना बताने के लिए काफी जद्दोजहद की थी। शिंदे धनुष बाण के साथ दिखे थे तो उद्धव परिवार के सदस्य भी उनके मंच पर आए थे। उसके बाद से शिंदे गुट का हौसला बढ़ा है। तभी वो उप चुनाव को लेकर शिवसेना के आधिकारिक निशान की मांग कर रहे हैं।