Maharashtra Politics: महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नाना पटोले ने शुक्रवार को होली के रंग में राजनीतिक रंग मिला दिया। इस दौरान पटोले ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार बड़ा ऑफर दे दिया। पटोले ने महायुति के दोनों नेताओं से कहा कि अगर उन्हें फडणवीस के नेतृत्व में घुटन महूसस हो रही है तो वे सीएम फडणवीस के बिना सरकार बनाएं। कांग्रेस इसके लिए शिंदे और पवार के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।
नाना पटोले ने महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में संभावित बदलाव का संकेत देते हुए कहा कि अगर देवेंद्र फडणवीस आपको परेशान कर रहे हैं, तो हम आपके साथ खड़े होने और सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। TOI से बात करते हुए पटोले ने यह बयान होली के लिए हल्के-फुल्के अंदाज में दिया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने पटोले के बयान पर विस्तार से बात करने और इस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया कि क्या वह पूर्व राज्य पार्टी प्रमुख के साथ एक ही पृष्ठ पर हैं। इस पर उन्होंने कहा कि बुरा न मानो होली है। इससे आगे मैं कुछ नहीं बोलूंगा।
पटोले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गठबंधन करने के बाद से अपने राजनीतिक दृष्टिकोण को कथित रूप से बदलने के लिए शिंदे और पवार की आलोचना की। इससे पहले, इन दोनों नेताओं ने महाराष्ट्र के विकास को प्राथमिकता दी और पार्टी लाइनों से ऊपर सहयोग किया। लेकिन मोदी के प्रभाव में आने के बाद, उन्होंने तथ्यों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि मैं उनसे नकारात्मकता को दूर करने और लोगों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह करता हूं। बता दें, यह प्रस्ताव फडणवीस और उनके दो उप-मंत्रियों के बीच तनातनी की खबरों के बीच आया है, जिससे महायुति महाराष्ट्र सरकार में दरार की अटकलों को बल मिला।
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कांग्रेस के भीतर आंतरिक दरार की अफवाहों का जवाब देते हुए पटोले ने कहा कि पार्टी एकजुट है और आगामी चुनावों के लिए टिकट वितरण सौहार्दपूर्ण तरीके से किया गया था। उन्होंने विशेष रूप से वरिष्ठ कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार की प्रशंसा की।
वहीं, पटोले की टिप्पणियों का जवाब देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि पटोले को अपने भीतर झांकना चाहिए। महाराष्ट्र के नागरिकों ने महायुति को भारी जनादेश दिया है। पटोले खुद अपनी सकोली सीट जीतने में सफल रहे। उन्हें पहले अपनी पार्टी को मजबूत करना चाहिए और एक जिम्मेदार विपक्षी दल की भूमिका निभानी चाहिए।
बता दें, पटोले द्वारा शिंदे और पवार को दिया गया खुला प्रस्ताव न केवल महाराष्ट्र सरकार के भीतर बढ़ते तनाव को उजागर करता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि राज्य के राजनीतिक समीकरण बदलने पर कांग्रेस निर्णायक भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
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