मोदी सरकार की “हर घर तिरंगा” मुहीम को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने सरकार की इस मुहीम को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरएसएस को लेकर आरोप लगाया कि इस मुहीम की शुरुआत करने वाले वो लोग हैं जो उस राष्ट्रविरोधी संगठन से निकले हैं, जिन्होंने 52 साल झंडा नहीं फहराया।

इसी मुद्दे पर हो रही एक टीवी डिबेट में जब कांग्रेस प्रवक्ता साधना भारती ने तंज कसते हुए कहा कि आरएसएस का देश की आजादी में कोई योगदान नहीं, तो बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी आजादी के लिए जान गंवाने वाले संगठन के स्वतंत्रता सेनानियों के नाम गिना दिए।

उन्होंने कहा, “हेमू कलानी, बालाजी रायपुरकर, देवीपर चौधरी जी और जगतपति कुमार जी ये आरएसएस के लोग थे जिन्होंने देश के स्वतंत्रता सेनानियों के रूप में अपनी आहुति दी। एक नाम कांग्रेस का गिना दें, जिन्होंने जान का बलिदान दिया हो। भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जी ये कांग्रेस से नहीं थे।”

वहीं, 52 साल तक झंडा ना फहराने का दावा करके कांग्रेस आरएसएस और मोदी सरकार पर हमला कर रही है। इस पर पूनावाला ने कहा, “सेना, संविधान और अब तिरंगे का अपमान कांग्रेस की पहचान। कुछ दिन पहले राष्ट्रपति का अपमान, सेना को सड़क का गुंडा कहा और अब तिरंगे का अपमान, क्योंकि इन्हें परिवार का झंडा, कौम का झंडा एक उठाना है।”

उन्होंने कहा कि 52 साल तक झंड़ा तब तक नहीं फहराया गया, जब तक अटल बिहारी वाजपेयी की कैबिनेट ने झंडा फहराने का अधिकार नागरिकों को नहीं दिया और जब तक 2004 का नवीन जिंदल का केस नहीं हुआ, तब तह कोई झंडा लहरा नहीं सकता था।

बता दें कि राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि ‘हर घर तिरंगा’ मुहीम चलाने वाले, उस देशद्रोही संगठन से निकले हैं, जिन्होंने 52 सालों तक तिरंगा नहीं फहराया। आजादी की लड़ाई से ये कांग्रेस पार्टी को तब भी नहीं रोक पाए और आज भी नहीं रोक पाएंगे।