शीना बोरा हत्याकांड का राज फाश करने में लगे पुलिस प्रमुख राकेश मारिया की हसरत सरकार ने नहीं पूरी होने दी। मारिया ने इस सनसनीखेज मामले में जरूरत से ज्यादा दिलचस्पी लेकर राज्य सरकार और आला पुलिस महकमे को हैरत में डाल दिया था। उन्होंने दावा किया था कि शीना को आरुषि नहीं बनने दूंगा। लेकिन इस अंजाम तक पहुंचने से पहले ही उन्हें तरक्की देकर डीजी होमगार्ड्स के ओहदे पर तैनाती दे दी गई। उनकी जगह पर अहमद जावेद को लाया गया है, जिन्होंने आते ही कहा कि शीना हत्याकांड की जांच में कोई बाधा नहीं आएगी।

बहरहाल जल्दबाजी में किए गए इस बदलाव को लेकर उठ रहे सवालों पर राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव केपी बख्शी ने कहा कि शीना हत्याकांड में मारिया की अति दिलचस्पी या कोई अन्य कारण इस तबादले के पीछे नहीं है। सरकार गणपति उत्सव के दौरान तबादला कर किसी तरह का विवाद खड़ा नहीं करना चाहती थी, इसलिए 30 सितंबर से पहले ही मारिया को तरक्की दी गई है। हालांकि बख्शी ने यह भी कहा कि शीना हत्याकांड की जांच पूरी होने तक मारिया इसका नेतृत्व करते रहेंगे।

लेकिन सूत्रों का मानना है कि रिश्तों की पहेली में उलझे इस हत्याकांड के आरोपियों की तफ्तीश में खुद दिलचस्पी लेना मुंबई पुलिस प्रमुख राकेश मारिया को भारी पड़ा और उनकी कुर्सी जाती रही। ओहदों की इस अदला-बदली से कई भवें तन गई हैं। दरअसल मारिया को अहमद जावेद की जगह दी गई है और जावेद, जो महानिदेशक स्तर के अधिकारी हैं, को मारिया की जगह मुंबई का नया पुलिस आयुक्त बनाया गया है। आयुक्त के पद का दर्जा बढ़ाया गया है। कुर्सियों की इस अचानक अदला-बदली के बाद जावेद से पूछा गया कि क्या वे भी मामले में व्यक्तिगत तौर पर जांच करेंगे तो उन्होंने कहा कि हत्या मामले में जांच पेशेवर अंदाज में की जाएगी।

मारिया पिछले कुछ समय से चर्चा में थे। कुछ समय पहले आइपीएल प्रमुख ललित मोदी के साथ जुलाई 2014 में लंदन में हुई उनकी मुलाकात का वीडियो सामने आया। और फिर उनकी तरफ निगाहें उठीं, जब उन्होंने शीना हत्याकांड में कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी दिखाई। उन्हें शीना की मां इंद्राणी मुखर्जी सहित आरोपियों से पूछताछ करने के लिए अक्सर खार पुलिस स्टेशन जाते देखा गया।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) बख्शी ने कहा, मारिया को महानिदेशक के दर्जे पर पदोन्नत किया गया है और अहमद जावेद के स्थान पर मुंबई में होमगार्ड्स का महानिदेशक बनाया गया है। उन्होंने बताया कि मुंबई पुलिस आयुक्त के ओहदे का दर्जा बढ़ाकर इसे ‘महानिदेशक’ स्तर का कर दिया गया है।

एक सवाल पर बख्शी ने कहा, तफ्तीश का काम नीचे के स्तर के पुलिस अधिकारी करते हैं और पुलिस आयुक्त उसकी निगरानी करता है। नए आयुक्त कार्यकुशल हैं। साथ ही, जावेद को मुंबई में हालात से निपटने के लिए पर्याप्त समय मिलना चाहिए। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस समय जापान यात्रा पर देश से बाहर हैं। इस बीच मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त जूलियो रिबेरो ने कहा कि मारिया लोगों के हितैषी थे, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि एक हत्या मामले में जांच करना पुलिस आयुक्त का काम नहीं होता। उन्होंने नए नगर पुलिस प्रमुख को अच्छा अधिकारी करार दिया।

30 सितंबर को मारिया का कार्यकाल खत्म होने के बाद नए पुलिस आयुक्त के रूप में पुणे के पुलिस आयुक्त और 1983 बैच के आइपीएस केके पाठक के अलावा विजय कांबले, सुबोध जायसवाल और दत्ता पडसलगीकर के नाम भी चल रहे थे। मगर इन सबसे आगे जो नाम था, वह था संजय बर्बे का। 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी सरकार की पसंद भी थे। मगर सरकार ने अहमद जावेद को प्राथमिकता दी, जो जनवरी में रिटायर हो जाएंगे।