मुंबई की एक अदालत ने शीना बोरा हत्याकांड में बीते गुरुवार को गिरफ्तार किए गए पीटर मुखर्जी की सीबीआइ हिरासत अवधि 26 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी। हिरासत अवधि बढ़ाने के लिए सीबीआइ ने अदालत में दलील दी थी कि इस हत्याकांड में आर्थिक लेन-देन की महत्त्वपूर्ण भूमिका है इसलिए उसे इस पहलू की जांच करने के लिए आरोपी पीटर मुखर्जी से पूछताछ करनी है।
शीना बोरा की 24 अप्रैल 2012 को उसकी मां इंद्राणी मुखर्जी ने अपने पूर्व पति संजीव खन्ना और अपने ड्राइवर श्यामवर राव की मदद से हत्या कर दी थी। सीबीआइ का मानना है कि इंद्राणी के वर्तमान पति पीटर मुखर्जी भी हत्या की साजिश में शामिल हैं और शीना बोरा की हत्या की मुख्य वजह आर्थिक लेन-देन है। गुरुवार से अब तक हुई पूछताछ में सीबीआइ को पीटर मुखर्जी ने देश-विदेश में उनके और इंद्राणी द्वारा किए गए निवेश के बारे में जानकारी तो दी, मगर ये पैसे कहां से आए इस बारे में कुछ नहीं बताया।
इंद्राणी और पीटर ने 2007 में आइएनएक्स समूह की स्थापना की थी। इस समूह के अंतर्गत कुछ छोटी छोटी कंपनियां भी बनाई गई थीं। 2009 में समूह को नुकसान में बताते हुए इंद्राणी और पीटर इससे बाहर निकल गए और उन्होंने अपने रिश्तेदारों के खातों में मोटी रकम जमा करवाई। इंद्राणी की बेटी शीना के नाम से भी काफी निवेश किया गया था। पीटर यही निवेश वापस चाहता था जिसके चलते शीना और इंद्राणी का अक्सर झगड़ा चलता रहता था।

सोमवार को अदालत में सीबीआइ ने जोर देकर कहा कि शीना की हत्या की मुख्य वजह आर्थिक लेन-देन है। लिहाजा विस्तार से इसकी जांच के लिए वह पीटर से पूछताछ करना चाहती है जिसके लिए उसे पीटर की 10 दिन की रिमांड दी जाए। पीटर के वकील ने सीबीआइ के वकील अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल सिंह की मांग पर एतराज किया और सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अगर आरोपी जांच में सहयोग कर रहा तो हिरासत में पूछताछ से बचा जाना चाहिए। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने 26 नवंबर तक पीटर को सीबीआइ हिरासत में भेज दिया।

सीबीआइ अधिकारियों ने रविवार को पीटर और उनके बेटे राहुल दोनों को साथ बिठाकर पूछताछ की थी। राहुल ने सीबीआइ को कुछ अहम दस्तावेज भी सौंपे थे। इनसे पता चलता था कि शीना अपनी मां इंद्राणी बनर्जी को ब्लैकमेल करते हुए मुंबई में 3 कमरों के फ्लैट की मांग कर रही थी। इंद्राणी ने दुनिया के सामने अपनी बेटी शीना को बहन बनाकर रखा था और शीना उसे यही राज खोलने की धमकी देकर ब्लैकमेल करती थी।