Bombay High Court News: सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सिंदूर पर कथित रूप से आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में एक इंजीनियरिंग की छात्रा को अरेस्ट किया गया है। छात्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि छात्रा को रिहा किया जाना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने कहा कि वह पहले ही कॉलेज से निकाले जाने के नतीजे भुगत चुकी है।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस गौरी गोडसे और जस्टिस सोमशेखर सुंदरेशन की बेंच छात्रा की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उसने अपने निष्कासन को चुनौती दी थी। जस्टिस गोडसे ने कॉलेज की तरफ से मौजूद वकील से मौखिक तौर पर कहा, ‘यह क्या है? आप एक छात्रा का जीवन बर्बाद कर रहे हैं? यह किस तरह का आचरण है? कोई कुछ ऐसा व्यक्त करता है कि आप छात्रा का जीवन बर्बाद करना चाहते हैं? आप उसे कैसे निष्कासित कर सकते हैं। क्या आपने स्पष्टीकरण मांगा है? एक एजुकेशनल इंस्टीट्यूट का उद्देश्य क्या है। आपको एक छात्र को सुधारने की जरूरत है या उसे क्रिमिनल बनाने की? हम समझते हैं कि आप कुछ कार्रवाई करना चाहते हैं लेकिन आप उसे पेपर देने से नहीं रोक सकते। उसे बाकी तीन पेपरों में बैठने दें।’

छात्रा ने माफी मांगी – जस्टिस गोडसे

जस्टिस सुंदरेशन ने कहा, ‘कौन सा राष्ट्रीय हित? वह पहले ही नतीजे भुगत चुकी है। जस्टिस गोडसे ने कहा, ‘उसने माफी मांगी है और अपना इरादा साफ किया है। आपको उसे सुधारने की जरूरत है, न कि उसे अपराधी बनाने की। राज्य क्या चाहता है? वह नहीं चाहता कि छात्र अपनी राय व्यक्त करें? आप छात्रों को अपराधी बनाना चाहते हैं।’ जस्टिस सुंदरेशन ने कहा, ‘इससे लोग केवल कट्टरपंथी बनेंगे, इसके अलावा कुछ नहीं।’

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वह कोई क्रिमिनल नहीं – जस्टिस गोडसे

राज्य की तरफ से पेश हुए वकील प्रियभूषण काकड़े ने कहा कि छात्रा पुलिस सिक्योरिटी के साथ में पेपर दे सकती है तो जस्टिस गोडसे ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, ‘यह क्या है मिस्टर काकड़े। वह कोई अपराधी नहीं है। उसे पुलिस के साथ परीक्षा में बैठने के लिए नहीं कहा जा सकता। उसे रिहा किया जाना चाहिए। उसे परीक्षा में बैठने से नहीं रोका जा सकता। उसे पुलिस के साथ परीक्षा में बैठने के लिए नहीं कहा जा सकता।’

क्या है पूरा मामला?

अब पूरे मामले पर गौर किया जाए तो पुणे के सिंहगढ़ एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग की छात्रा को 9 मई को ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक तनाव से संबंधित एक विवादास्पद इंस्टाग्राम रीपोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था। उसने अपने कथित आपत्तिजनक पोस्ट के लिए इंस्टीट्यूट से अपने निष्कासन को चुनौती दी है और तर्क दिया है कि यह कार्रवाई बिल्कुल मनमानी और गैरकानूनी थी। बिजली चोरी के दोषी मुस्लिम शख्स को बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी हज यात्रा की इजाजत