Shashi Tharoor in New Controversy: कांग्रेस ने शशि थरूर ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की प्रशंसा किए जाने से खुद को अलग करते हुए रविवार को कहा कि वह व्यक्तिगत हैसियत से अपनी बात कह रहे हैं तथा उनका केंद्रीय कार्य समिति के सदस्य के रूप में ऐसा करना पार्टी की लोकतांत्रिक और उदार भावना को दर्शाता है।
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि इससे पहले आडवाणी को जन्म दिन की बधाई देने पर थरूर आलोचनाओं से घिर गए थे और तब उन्होंने कहा था कि वरिष्ठ बीजेपी के वरिष्ठ नेता द्वारा सालोंसाल की गयी (राष्ट्र) सेवा को एक प्रकरण तक सीमित कर देना, चाहे वह कितना बड़ा प्रकरण क्यों न हो, अनुचित है।
कांग्रेस ने की तीखी आलोचना
केरल से आने वाले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने यह भी कहा कि जब जवाहरलाल नेहरू के करियर की समग्रता का आकलन चीन की विफलता और इंदिरा गांधी के करियर का आकलन सिर्फ़ आपातकाल से नहीं किया जा सकता, तो उनका मानना है कि हमें आडवाणी जी के प्रति भी यही शिष्टाचार दिखाना चाहिए।
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कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि हमेशा की तरह, डॉ. शशि थरूर अपनी बात कह रहे हैं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपने आप को उनके हालिया बयान से अलग रखती है। पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस सांसद और सीडब्ल्यूसी सदस्य के रूप में उनका ऐसा करना कांग्रेस की विशिष्ट लोकतांत्रिक और उदारवादी भावना को दर्शाता है। इसकी शुरुआत शनिवार को थरूर द्वारा आडवाणी को उनके जन्मदिन की बधाई देने से हुई।
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शशि थरूर ने आडवाणी की तारीफ में क्या कहा?
शशि थरूर ने एक्स पर कहा कि आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी को उनके 98वें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। जनसेवा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता, उनकी विनम्रता और शालीनता, तथा आधुनिक भारत की दिशा तय करने में उनकी भूमिका अमिट है। उन्होंने आडवाणी को एक सच्चा राजनेता बताया, जिनका सेवामय जीवन अनुकरणीय रहा है। थरूर के पोस्ट के जवाब में एक वकील ने राम जन्मभूमि आंदोलन में आडवाणी की भूमिका का भी जिक्र करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा कि माफ कीजिए श्रीमान थरूर, इस देश में ‘घृणा के बीज’ (खुशवंत सिंह के शब्दों में) फैलाना जनसेवा नहीं है।
इस पोस्ट का जवाब देते हुए शशि थरूर ने कहा कि मैं सहमत हूं संजय उवाचा लेकिन उनकी लंबी सेवा को एक घटना तक सीमित करना, चाहे वह कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अनुचित है। कांग्रेस नेता ने कहा कि नेहरूजी के करियर की समग्रता का आकलन चीन की विफलता से नहीं किया जा सकता, न ही इंदिरा गांधी के करियर का आकलन सिर्फ़ आपातकाल से किया जा सकता है। मेरा मानना है कि हमें आडवाणीजी के प्रति भी यही शिष्टाचार दिखाना चाहिए।
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