Delhi High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर को समन जारी किया है। हाई कोर्ट ने यह समन पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता राजीव चंद्रशेखर द्वारा उनके खिलाफ दायर मानहानि के केस को लेकर समन भेजा है। जस्टिस पुरुषेन्द्र कुमार कौरव ने इस मुकदमे में समन जारी किया और मामले को 28 अप्रैल को संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष सूचीबद्ध किया।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि शिकायत को मुकदमे के रूप में पंजीकृत किया जाए। अप्रैल तक जवाब देने के लिए समन जारी करें। 28 अप्रैल को संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष सूचीबद्ध करें।
भाजपा नेता चंद्रशेखर ने थरूर के बयानों को लेकर मानहानि का मुकदमा दायर किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं को पैसे की पेशकश की थी।
चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि थरूर ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर झूठे बयान देकर उन्हें बदनाम किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान वे तिरुवनंतपुरम निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं को रिश्वत दे रहे थे। चंद्रशेखर के अनुसार, थरूर ने ये बयान “24 न्यूज” नामक मलयालम समाचार चैनल पर दिए थे।
गौरतलब है कि पिछले साल चंद्रशेखर ने पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मानहानि का मुकदमा भी दायर किया था। दिल्ली हाई कोर्ट में एक स्थानांतरण याचिका दायर की गई थी, जब प्रधान जिला न्यायाधीश ने पाया कि शिकायत का मामला एक मौजूदा सांसद से संबंधित है, जिसे एमपी/एमएलए कोर्ट- राउज एवेन्यू कोर्ट में स्थानांतरित करने की आवश्यकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को जारी किया नोटिस, BPSC अध्यक्ष की नियुक्ति से जुड़ा है मामला
पिछले साल अगस्त में, स्थानांतरण याचिका का निपटारा एक समन्वय पीठ द्वारा किया गया था, जिसमें कहा गया था कि मामला एमपी/एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था। पक्षों को 30 अगस्त, 2024 को जिला एवं सत्र न्यायाधीश, राउज एवेन्यू कोर्ट के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया गया था। आज, ट्रायल कोर्ट द्वारा यह आदेश पारित किए जाने की संभावना है कि क्या थरूर को आपराधिक शिकायत मामले में समन किया जाना चाहिए या नहीं।
इस बीच, इंटरव्यू में कथित रूप से अपमानजनक बयानों के कारण थरूर के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा और हर्जाने के लिए पिछले साल दिसंबर में हाई कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष तीन बार सूचीबद्ध होने के बाद, मामला 24 जनवरी को जस्टिस कौरव के समक्ष सूचीबद्ध किया गया। उस दिन, न्यायालय ने पाया कि चंद्रशेखर ने न्यायालय शुल्क का भुगतान कर दिया है और रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह प्रवेश पर सुनवाई के लिए मुकदमे को सूचीबद्ध करे।
चंद्रशेखर की शिकायत में कहा गया है कि थरूर के कहने पर उनका इंटरव्यू विभिन्न समाचार चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित किया गया, जिससे समाज में उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि इस स्थिति के कारण अंततः उन्हें 2024 का लोकसभा चुनाव हारना पड़ा।
यह भी पढ़ें-
केजरीवाल, आतिशी, सिसोदिया… सभी हाई प्रोफाइल सीटों की ग्राउंड रिपोर्ट एक जगह, किसका माहौल?