Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं। वैसे-वैसे नेताओं के बीच आपसी बयानबाजी भी तीखी नजर आ रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से तीन बार के सांसद शशि थरूर ने खुली बहस (Open Debate) के लिए केंद्रीय मंत्री और भाजपा उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर की चुनौती को स्वीकार कर लिया है। बता दें तिरुवनंतपुरम लोकसभा से कांग्रेस ने शशि थरूर को एक बार फिर से मैदान में उतारा तो वहीं बीजेपी ने राजीव चंद्रशेखर पर दांव खेला है।
कांग्रेस के वरिष्ठ ने शशि थरूर ने भगवा खेमे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि तिरुवनंतपुरम के लोग जानते हैं कि अब तक कौन बहस से बचता रहा है।
एक्स पर एक पोस्ट में थरूर ने लिखा, ”हां, मैं बहस का स्वागत करता हूं। लेकिन तिरुवनंतपुरम के लोग जानते हैं कि अब तक कौन बहस से बचता रहा है। आइए राजनीति और विकास पर बहस करें।”
पोस्ट में आगे लिखा है, “आइए हम महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, सांप्रदायिकता और बीजेपी की 10 साल की नफरत की राजनीति के प्रचार-प्रसार पर बहस करें।” उन्होंने कहा कि केरल के इस जिले के विकास और “पिछले 15 वर्षों में हमने जो प्रगति की है, उस पर चर्चा करें।
कांग्रेस सांसद ने क्षेत्र में स्थानीय मीडिया से बात करते हुए चंद्रशेखर का एक वीडियो साझा किया। वीडियो में केंद्रीय मंत्री को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “मैं उन विचारों, विकास पर बहस करने के लिए तैयार हूं, जिनका प्रदर्शन ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर है। मैं शुरू से ही यह कहता आ रहा हूं।”
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के दिग्गज नेता पन्नियन रवींद्रन निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा के चंद्रशेखर और कांग्रेस के थरूर के सामने खड़े हैं।
चंद्रशेखर का राज्यसभा का कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त हो गया। वह उन केंद्रीय मंत्रियों में से थे जिन्होंने दोबारा चुनाव नहीं लड़ा। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा के एक चरण में लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी। केंद्रीय मंत्री की संसदीय यात्रा मई 2006 में शुरू हुई, जब वह कर्नाटक के प्रतिनिधि के रूप में राज्यसभा के लिए चुने गए।
इस बीच, थरूर, एक लेखक और एक पूर्व अंतर्राष्ट्रीय सिविल सेवक है। उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनावों में केरल की तिरुवनंतपुरम सीट से चुनावी शुरुआत की थी। वो इस सीट से तीन बार सांसद चुने गए। थरूर पहले भारत सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री और विदेश राज्य मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। केरल के सभी 20 क्षेत्रों पर मतदान 26 अप्रैल को होगा।