मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद में शाही ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट को इलाहाबाद हाईकोर्ट का वो फैसला रास नहीं आया है जिसमें अदालत ने सेशन कोर्ट में विचाराधीन सारे केसों को अपने पास ट्रांसफर करने का आदेश सुनाया था। ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पटीशन दाखिल करके गुहार लगाई है कि हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई जाए।
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका में ईदगाह मस्जिद ट्रस्ट की तरफ से पेश वकील आरएचए सिकंदर ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की ही एक बेंच ने मामलों के ट्रांसफर किए जाने पर स्टे दिया था। ऐसे में हाईकोर्ट किस तरह से केसों को ट्रांसफर कर सकता है। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने दूसरे मामले भी अपने पास ट्रांसफर कर लिए हैं जबकि उनके लिए कोई अर्जी दाखिल नहीं की गई थी। एडवोकेट सिकंदर का कहना है कि हाईकोर्ट ने दूसरे पक्ष की केवल उस अपील पर गौर किया जिसमें कहा गया था कि ट्रायल कोर्ट अगर इस सभी वादों पर फैसला करती है तो इसमें बहुत ज्यादा समय लगने वाला है।
जस्टिस ने कहा था- पिछले दो-तीन साल में इंच भर भी आगे नहीं बढ़े केस
मई माह में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और 7 दूसरे केसों को अपने पास ट्रांसफर कर लिया था। जस्टिस अरविंद कुमार मिश्रा-1 की बेंच ने अपने आदेश में कहा था कि ये मामला लोगों की आस्था से जुड़ा है। इस मसले से बहुत बड़ी तादाद में लोग जुड़े हैं। तथ्यों पर गौर करें तो साफ है कि तकरीबन 10 सूट सिविल कोर्ट के पास पेंडिंग हैं। पिछले दो-तीन साल के दौरान केसों की मैरिट पर गौर करें तो साफ है कि सुनवाई एक इंच भी आगे नहीं सरकी। लिहाजा इन सभी मामलों को हाईकोर्ट के पास ट्रांसफर करना ही सही कदम है।
इन सभी मामलों को हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका में कहा गया था कि ये राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा है। मामले से बहुत बड़ी तादाद में लोग जुड़ा हैं। लिहाजा इस पर हाईकोर्ट खुद सुनवाई करे। हाईकोर्ट ने रिट को स्वीकार करते हुए मथुरा के डिस्ट्रिक्ट जज को आदेश दिया कि वो कृष्ण जन्म भूमि विवाद से जुड़े सारे केस इकट्ठा कर लें। जो केस इस मामले से अपरोक्ष तौर पर जुड़े हैं उन्हें भी इनके साथ में रखा जाए।