गुरुवार को राजधानी के मौसम में उतार चढा बना रहा। सुबह सबेरे छाए कोहरे के बाद दिल्ली में दोपहर में खासी धूप खिली। जिससे दिल्ली वालों को ठिठुरन से कुछ राहत मिलती दिखी। लेकिन यह अहसास ज्यादा समय तक नहीं बना रह सका। सूरज का ढलाव शुरू होते दी मौसम ने मौसम ने फिर से तेवर बदले और ठिठुरन की यथा स्थिति बरकरार हो गई।

मौसम विभाग ने कहा- दिल्ली में गुरुवार सुबह काफी ठंड रही और कोहरा छाया रहा। लेकिन गलन फिर बढा और न्यूनतम तापमान 5.8 डिग्री सेल्सियस तक चला गया जो सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस कम है। इसी प्रकार अधिकतम तापमान 18.1 डिग्री सेल्सियस रहा। यह भी सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस कर रहा। आने वाले 24 घंटे में भी ठिठुरन कम होने के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग के मुताबिक शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।

हालाकि दिल्ली में बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य से चार डिग्री कम 15.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि कोहरे से कम दृश्यता के कारण दिल्ली आने वाली 24 रेलगाड़ियां प्रभावित हुई हैं। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास पालम वेधशाला ने सुबह 5:30 बजे दृश्यता का स्तर 100 मीटर दर्ज किया हालांकि, सतही हवाओं के कारण सुबह सात बजे तक यह सुधरकर 500 मीटर पहुंच गया।

मौसम कार्यालय के अनुसार बहुत घना कोहरा’ तब होता है जब दृश्यता शून्य से 50 मीटर के बीच होती है, 51 से 200 मीटर के बीच घना, 201 से 500 मीटर के बीच मध्यम जबकि 501 से 1,000 मीटर के बीच दृश्यता होने पर हल्का कोहरा होता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह नौ बजे समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 337 था। शून्य से 50 के बीच एक्यूआइ को अच्छा, 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच बहुत खराब और 401 और 500 के बीच गंभीर माना जाता है। आइएमडी बुलेटिन में कहा गया है कि सुबह 8.30 बजे सापेक्षिक आर्द्रता 96 फीसद थी।

बाहरी मरीजों के तीमारदारों को अब आसानी से मिलेगी विश्राम सदनों की जानकारी

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने गुरुवार को वहां इलाज करवाने वाले बाहरी मरीजों के तीमारदारों की बेहतरी के कदमों की एक पहल की। निदेशक प्रोफेसर एम श्रीनिवास ने एम्स से संबद्ध सभी विश्राम सदनों की जानकारी काउंटरों पर या बड़े डेशबोर्ड पर उपलब्ध कराने को कहा। जानकारी के मुताबिक विश्राम सदनों में बिस्तरें खाली हैं, और कड़ाके की ठंड में मरीजों के परिजन बाहर खुले में सो रहे हैं।

इसका संज्ञान लेकर उन्होंने अधिकारियों को जल्द से जल्द विश्राम सदन से जुड़े इस काम को शुरू करने का निर्देश दिया है। बता दें कि मौजूदा समय में 1500 लोगों के रहने के लिए एम्स से जुड़े पांच विश्राम सदन हैं, जिसमें मजीरों के साथ आए लोगों को ठहरने व खाने की भी व्यवस्था है। विश्राम सदन में तीस से चालीस फीसद बिस्तर खाली हैं, और मरीजों के परिजन बाहर खुले में सो रहे हैं।