लोकसभा स्पीकर पर सदन की कार्यवाही के दौरान कागज फेंकने को लेकर Congress के सात सांसद सस्पेंड कर दिए गए। आसन पर उस वक्त मौजूद स्पीकर ने इन्हें पूरे सत्र के लिए निलंबित किया है। समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, ‘घोर दुर्व्यवहार और कदाचार’ को लेकर इन सांसदों को पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड करने को लेकर एक प्रस्ताव पास हुआ है।
कौन-कौन हुए सस्पेंड?: सदन स्थगित होने के बाद दोपहर तीन बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तब आसन पर मीनाक्षी लेखी (बीजेपी से) थीं। उन्होंने INC के गौरव गोगोई, टीएन प्रतापन, डीन कुरिआकोस, मनिका टैगोर, राजमोहन उन्नीथन, बेन्नी बेहनन और गुरजीत सिंह औजला के नाम लिए।
प्रस्ताव के बाहर सांसदों को सदन से किया गया बाहरः प्रस्ताव पास होने के फौरन बाद लेखी ने इन सातों सदस्यों से सदन छोड़ने के लिए कह दिया था, जिसके बाद लोकसभा पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। बता दें कि आसन द्वारा एक बार अगर किसी सदस्य/सांसद को नामित कर दिया, तब वह उस पूरे दिन के लिए सदन में नहीं रह सकता है।
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संसद में चौथे दिन भी गतिरोध बरकरार: संसद में दिल्ली हिंसा को लेकर चर्चा की मांग पर विपक्ष के हंगामे के कारण गुरुवार को लगातार चौथे दिन गतिरोध बरकरार रहा। लोकसभा में सदन का अनादर करने के कारण सात सदस्यों को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही तीसरी बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिये स्थगित की गई थी।
गांधी परिवार पर दिया विवादित बयानः सदन में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने देश में कोरोना वायरस से जुड़े हालात और उससे निपटने की तैयारियों पर वक्तव्य दिया, जिसके बाद विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस विषय पर अपने सुझाव रखे। इसी क्रम में सुझाव देते हुए सत्तारूढ़ राजग में सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सदस्य हनुमान बेनीवाल ने गांधी परिवार को लेकर एक विवादास्पद बयान दे दिया, जिस पर कांग्रेस सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की बैठक दोपहर करीब एक बजे दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
किसने क्या कहा?: संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया, “वे अनुशासनहीनता और अहंकार की हदें लांघ गए थे। स्पीकर की कुर्सी की ओर भी कुछ कागज के टुकड़े फेंके गए थे। यह बेहद निंदनीय है।”
BJP सांसद राजेंद्र अग्रवाल बोले- दोपहर एक बजे जब मैं लोकसभा के आसन पर था, तब चेयर के पास कागज फाड़े और फेंके गए थे। ये चीज हमारे सांसदों का गैर-जिम्मेदाराना रवैया दर्शाती है और यह सदन की गरिमा के भी खिलाफ है।
हालांकि, लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है- क्या यह तानाशाही है? लगता है कि सरकार संसद में दिल्ली हिंसा मुद्दे पर चर्चा नहीं चाहती है, इसलिए ये निलंबन किए गए हैं। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। (भाषा इनपुट्स के साथ)