बीकेयू नेता राकेश टिकैत से जब पत्रकारों ने पूछा कि अगर आप के जन जागरण से बीजेपी की सरकार चली जाती है और नयी सरकार बनती है, लेकिन अगर वो सरकार भी किसानों की बात नहीं सुनेगी तो आप क्या करेंगे? जवाब देते हुए टिकैत ने कहा कि अगर वो सरकार भी नहीं सुनेगी तो उसके विरोध में भी आंदोलन किया जाएगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि व्यवस्था क्या होनी चाहिए हम उसके लिए काम कर रहे हैं। आज सभी विचारधारा के लोग हमारे साथ हैं। ऐसा नहीं है कि जिसने बीजेपी को वोट नहीं दी थी सिर्फ वही हैं, हमारे साथ सभी दलों के लोग हैं। उन्होंने कहा कि देश में एक नयी विचारधारा जन्म लेगी, जो विचारधारा गरीबों की सुनेगी, मजदूरों की सुनेगी,किसानों की सुनेगी। दुनिया में भूख पर व्यापार न हो हम उस कॉन्सेप्ट पर काम करेंगे।
‘चुनाव से इस देश का भला नहीं होगा’: राकेश टिकैत से जब पूछा गया कि क्या किसान मोर्चा आने वाले चुनावों में मैदान में उतरेगा तो उन्होंने कहा कि चुनाव से इस देश का भला नहीं होने वाला है। साथ ही उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों से भी इस देश का भला नहीं होने वाला है।
टिकैत ने कहा कि जब तक एमएसपी को लेकर कानून नहीं बनाया जाएगा, तब तक देश के किसानों को इसका फायदा नहीं मिल पाएगा। अगर तीन बिल वापस नहीं होंगे तो देश के किसानों को लाभ नहीं होगा। केंद्र सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार अभी दिल्ली में नहीं है, 100 दिन हो गए 5 लाख से ज्यादा लोग दिल्ली में हैं,लेकिन दिल्ली से सरकार गायब हो गयी है।साथ ही उन्होंने कहा कि देश में अब किसी पार्टी की सरकार नहीं रही है सरकार को बड़ी कंपनियां चला रही है।
बताते चलें कि केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए तीन नए कानूनों के खिलाफ किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि तीनों ही कानूनों को रद्द किया जाए। साथ ही एमएसपी को लेकर केंद्र सरकार नई कानून बनाए। सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता हुई लेकिन दोनों ही पक्षों में कोई अंतिम समझौता नहीं हो पाया।