बाजार नियामक सेबी ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को गीतांजलि जेम्स लि. के शेयरों में भेदिया कारोबार नियमों के उल्लंघन के मामले में 2.1 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए नोटिस भेजा है।

नियामक ने 15 दिन के भीतर भुगतान करने में विफल रहने पर संपत्ति के साथ-साथ बैंक खाते भी कुर्क करने की चेतावनी दी है। चोकसी के जनवरी, 2022 में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा लगाए गए जुर्माने का भुगतान करने में विफल रहने के बाद यह मांग नोटिस भेजा गया है। गीतांजलि जेम्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक होने के साथ-साथ प्रवर्तक समूह का हिस्सा रहे चोकसी, नीरव मोदी के मामा हैं। दोनों पर सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप है।

2018 के बाद फरार हुआ था चोकसी

पीएनबी घोटाला 2018 की शुरूआत में सामने आने के बाद चोकसी और मोदी भारत से फरार हो गए थे। पिछले महीने, भारतीय जांच एजंसियों के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल वह इलाज के लिए बेल्जियम गया था। वह भारत छोड़ने के बाद 2018 से एंटीगुआ में रह रहा था। मोदी को मार्च, 2019 में स्काटलैंड यार्ड पुलिस ने गिरफ्तार किया था और फिलहाल वह वहीं जेल में बंद है।

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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 15 मई को जारी ताजा नोटिस में चोकसी को 15 दिन के भीतर 2.1 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया। इसमें 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना और 60 लाख रुपये का ब्याज शामिल है।

सेबी के जांच में पाया गया कि चोकसी ने यूपीएसआई की जानकारी राकेश गिरधरलाल गजेरा को दी, जिसने दिसंबर 2017 में गीतांजलि जेम्स में अपनी 5.75 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी। ताकि किसी भी घटना से पहले नुकसान से बचा जा सके। इसमें गीतांजलि समूह को फ्रॉड से एलओयू जारी करने और उसके बड़े हिस्से का खुलासा हो सकता था। सेबी की मानें तो जीजीएल और गीतांजलि समूह ने संबंधित संस्थाओं की ओर से एलओयू जारी किए गए थे।