मध्य प्रदेश के एक गांव के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को कागज पर मिड-डे मील (एमडीएम) परोसे जाने के मामले में राज्य की मोहन यादव सरकार ने एक्शन लिया है। कागज पर खाना परोसे जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी इसे अपने X हैंडल पर शेयर किया था।
राहुल ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव को शर्म आनी चाहिए कि भारत के भविष्य का इस दुर्दशा से पालन-पोषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना से उनका दिल टूट गया है। राहुल गांधी ने कहा था कि ये वही मासूम बच्चे हैं जिनके सपनों पर देश का भविष्य टिका है और उन्हें इज्जत की थाली तक नसीब नहीं है।
वीडियो वायरल होने के बाद स्कूल को स्टील की प्लेटें दी गई हैं।
इस घटना का संज्ञान लेते हुए विजयपुर के खंड शिक्षा अधिकारी ने 6 नवंबर को स्कूल का निरीक्षण किया और एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस घोर लापरवाही के पीछे क्या वजह है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट में कहा गया है कि हुल्लापुर गांव में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय दोनों एक ही परिसर में चल रहे हैं और मिड-डे मील तैयार करने और परोसने की जिम्मेदारी जय संतोषी मां स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) को दी गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस स्वयं सहायता समूह में पांच कर्मचारी हैं। तीन खाना बनाने के लिए और दो बर्तन साफ करने के लिए। जिस दिन का यह वीडियो है, उस दिन बर्तन साफ करने वाले कर्मचारी काम पर नहीं आए थे और इस वजह से बर्तन गंदे रह गए। उनकी गैर हाजिरी में, स्कूल के कर्मचारियों ने बच्चों के लिए कागज के टुकड़ों पर खाना परोसा और इसका वीडियो 4 नवंबर को वायरल हो गया।
6 नवंबर को मिड-डे मील मॉनिटरिंग कमेटी ने स्वयं सहायता समूह का अनुबंध रद्द करने की सिफारिश करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। अगले ही दिन अनुबंध को समाप्त कर दिया गया।
हेडमास्टर को किया निलंबित
बच्चों के लिए मिड-डे मील तैयार करने और इसे परोसने की जिम्मेदारी अब विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) को सौंप दी गई है। इस मामले में प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय, हुल्लपुर के हेडमास्टर को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा लापरवाही बरतने के लिए संकुल शैक्षणिक समन्वयक और प्रखंड संसाधन केंद्र समन्वयक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
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उठाए ठोस कदम
इस तरह की लापरवाही दोबारा न हो, इसके लिए एक जिला स्तरीय समिति का भी गठन किया गया है। इस घटना के बाद शिक्षा विभाग ने मॉनीटरिंग को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाया है। क्लस्टर अकादमिक समन्वयकों को मिड-डे मील कार्यक्रम का मासिक निरीक्षण और भी सख्ती से करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके साथ ही अब सभी जिला और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को हर महीने कम से कम पांच स्कूलों का निरीक्षण करना होगा। इसके अलावा कुछ और कदम उठाए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इन कदमों का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि हर बच्चे को सुरक्षित, स्वच्छ और पौष्टिक मध्याह्न भोजन मिले।
स्कूल को मिली स्टील की प्लेटें
कड़ी आलोचना के बाद स्कूल को स्टील की प्लेटें दी गई हैं। भाजपा नेता एवं पूर्व राज्य मंत्री रामनिवास रावत और सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अभिषेक मिश्रा शनिवार को विजयपुर ब्लॉक के अंतर्गत हुल्लापुर स्थित स्कूल पहुंचे और छात्रों के साथ मिड-डे मील का खाना खाया। इस दौरान स्कूल परिसर को सजाया गया और बच्चों ने बिल्कुल नई स्टेनलेस स्टील की प्लेटों पर खाना खाया।
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