आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई से सुनवाई करने की बात कही थी। रजिस्ट्री ने केस को लिस्ट भी कर लिया था। लेकिन इस पर अगस्त में ही सुनवाई होगी, वो भी लगातार। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल से ये बात कही। आर्टिकल 370 को केंद्र सरकार ने 2019 में खत्म किया था। इसके जरिये जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया था।

दरअसल तीस्ता सेतलवाड़ की बेल के मामले में सुप्रीम कोर्ट में मौजूद कपिल सिब्बल ने जस्टिस गवई से कहा कि इस मामले की सुनवाई अगस्त माह में की जा सकती है। जस्टिस गवई बोले कि नहीं अगस्त में तो आर्टिकल 370 का केस लगेगा। सिब्बल ने कहा कि उस केस की सुनवाई तो 11 जुलाई से होनी है। जस्टिस गवई का कहना था कि हमने एक तारीख तय कर दी है, क्योंकि किसी भी केस की सुनवाई से पहले तमाम दस्तावेज जुटाने होते हैं। एक नोडल वकील नियुक्त किया जाता है जिसका काम होता कि दोनों पक्षों से संपर्क साधकर केस से जुड़ी सारी तैयारी पूरी करा ले।

जस्टिस गवई का कहना था कि 11 जुलाई की तारीख केवल दिशा निर्देशों के लिए दी गई थी, जिससे केस से जुड़ी सारी तैयारी पूरी हो जाए। वैसे हम इस केस को अगस्त माह में सुनवाई के लिए लेंगे। आर्टिकल 370 को चुनौती देने वाली याचिकाएं कई सारी हैं, इस वजह से ऐसा किया गया।

ध्यान रहे कि तकरीबन चार साल बाद सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 370 को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई करने पर सहमत हुआ है। आखिरी बार इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च 2020 को विचार किया था। तब एक संवैधानिक बेंच ने फैसला दिया था कि इस मसले को 7 जजों की बेंच के पास भेजने की जरूरत उनको नहीं लगती। फिलहाल जो बेंच सुनवाई करने जा रही है उसकी अगुवाई सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ करेंगे। बेंच के बाकी जजों में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं।