सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) के रिलायंस रिटेल के साथ विलय के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के तीन आदेशों को मंगलवार को निरस्त कर दिया। इनमें वो आदेश भी शामिल है, जिसमें 24,731 करोड़ रुपए के विलय सौदे पर आगे बढ़ने से एफआरएल को रोकने वाले सिंगापुर ट्रिब्यूनल के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया गया था।
सीजेआई एनवी रमन्ना व जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने फ्यूचर ग्रुप को बड़ी राहत देते हुए हाईकोर्ट के बीते साल दो फरवरी के आदेश को खारिज कर दिया, जिसके जरिए उसने एफआरएल को विलय सौदे के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया था। बेंच ने एमजॉन-रिलायंस विवाद से जुड़ी फ्यूचर ग्रुप की याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट के पास वापस भेज दिया। बेंच ने अपने आदेश में कहा कि साल 2021 के दो फरवरी, 18 मार्च और 29 अक्टूबर के आदेशों को रद्द किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वो इस मामले पर विचार करें और निष्पक्ष तरीके से सुनवाई करते हुए आवश्यक आदेश पारित करे। सीजेआई की बेंच ने कहा कि वह दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से अनुरोध करेंगे कि वह इस मामले के शीघ्र निपटान के लिए एक बेंच का गठन करें।
सिंगापुर ट्रिब्यूनल ने अपने एक निर्णय में फ्यूचर समूह को रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे को लेकर आगे बढ़ने से रोक कर अमेरिकी कंपनी एमजॉन के पक्ष में फैसला सुनाया था। इस फैसले को अक्टूबर 2021 में बरकरार रखा गया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल 18 मार्च के अन्य आदेश में ट्रिब्यूनल के फैसले को बरकरार रखते हुए फ्यूचर ग्रुप और उसके निदेशकों पर 20 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया था। सुप्रीम कोर्ट ने आज इस आदेश को भी खारिज कर दिया। सीजेआई की बेंच ने 29 अक्टूबर 2021 के उस आदेश को भी खारिज किया, जिसमें ट्रिब्यूनल के फैसले पर रोक लगाने से HC ने मना किया था।
अमेरिका की ई-कामर्स कंपनी एमजॉन उस फैसले का विरोध कर रही है जिसमें फ्यूचर ने रिलायंस रिटेल से करार किया है। सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र ने अमेरिकी कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर फ्यूचर समूह की याचिकाओं पर 11 जनवरी को सुनवाई पूरी कर फैसले को सुरक्षित रख लिया था।