पीएम मोदी से जुड़े बयान के मामले में मानहानि का मामला झेल रहे कांग्रेस नेता शशि थरूर को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने मानहानि मामले की कार्यवाही पर मंगलवार को रोक लगा दी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने 29 अगस्त को मानहानि से जुड़ी कार्यवाही को रद्द करने से इनकार करते हुए दोनों पक्षों को ट्रायल कोर्ट के सामने पेश होने के लिए कहा था, इसके बाद शशि थरूर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने उनकी अपील पर नोटिस जारी किया और कार्यवाही पर रोक लगा दी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता की ओर से पेश हुए वकील मोहम्मद अली खान ने अदालत को बताया कि शशि थरूर ने 2012 में कारवां पत्रिका द्वारा प्रकाशित एक लेख का हवाला दिया था जिसमें एक अनाम आरएसएस नेता द्वारा कथित तौर पर नरेंद्र मोदी की तुलना “शिवलिंग पर बैठे बिच्छू” से की गई थी। वकील ने आश्चर्य जताया कि 2018 में यह टिप्पणी अपमानजनक कैसे हो गई, जबकि 2012 में ऐसा नहीं था।
क्या था मामला?
यह मामला भाजपा नेता राजीव बब्बर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि शिकायत से जुड़ा था। बब्बर ने थरूर के खिलाफ निचली अदालत में आपराधिक शिकायत दायर की थी और दावा किया था कि कांग्रेस नेता के बयान से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। अक्टूबर 2018 में, थरूर ने दावा किया था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक अनाम नेता ने प्रधानमंत्री मोदी की तुलना ‘‘शिवलिंग पर बैठे बिच्छू’’ से की है।
थरूर को जून 2019 में निचली अदालत ने संबंधित मामले में जमानत दे दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले दिनों मामले पर सुनवाई करते हुए रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए कहा था, ‘‘कार्यवाही निरस्त करने का कोई आधार नहीं बनता है।’’