Lok Sabha Chunav: 14 मई को वाराणसी लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख समाप्त हो चुकी है। इसी बीच, नॉमिनेशन फाइल करने के लिए एक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट से समय की मांग की है। इस याचिका पर सुप्रीम ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए याचिकाकर्ता को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि यह याचिका केवल पब्लिसिटी के लिए दाखिल की गई है।
तमिलनाडु के त्रिची के रहने वाले और नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटरलिंकिंग एग्रीकल्चरिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष पी अय्याकन्नू ने यह याचिका दाखिल की है। जस्टिस विक्रम नाथ और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने याचिकाकर्ता से वाराणसी से चुनाव लड़ने से जुड़ा सवाल पूछा। कोर्ट ने कहा कि आप 30 सालों से तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक में काम कर रहे हैं। वाराणसी के लोगों को आपको वोट क्यों देना चाहिए।
विक्रम नाथ और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने यह भी कहा कि खबर अब अखबारों में भी छप चुकी है और आपका याचिका दाखिल करने का मकसद भी पूरा हो चुका है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसके जवाब में याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वह एक मकसद के लिए लड़ रहे हैं। याचिका में कहा गया था कि अय्याकन्नू और अन्य किसानों को ट्रेन से उतार लिया गया और वह पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से नामांकन दाखिल नहीं कर पाए।
वाराणसी लोकसभा सीट से पीएम मोदी मैदान में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से तीसरी बार मैदान में उतरें हैं। इस हाई प्रोफाइल सीट पर 1 जून को वोटिंग होनी है। वाराणसी लोकसभा सीट पर कुल 8 उम्मीदवार मैदान में हैं। अब हम साल 2019 और 2014 के नतीजों की बात करें तो मोदी ने साल 2019 में 4.8 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। वहीं, 2014 में 3.72 लाख वोटों से अपने प्रतिद्वंदियों को करारी शिकस्त दी थी।
इस बार प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ इंडिया गठबंधन की ओर से अजय राय और बसपा की तरफ से अतहर जमाल लारी चुनावी दंगल में हैं। अजय राय उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। राय पांच बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। अजय राय ने वाराणसी सीट से 2014 और 2019 में चुनाव लड़ा था, लेकिन मोदी की आंधी में वह टिक नहीं पाए।
