अरविंद केजरीवाल के मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही। ताजा मामले में ईडी की दरखास्त पर प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट ने उनके बेल केस को उस समय दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जब उस पर सुनवाई पूरी हो चुकी थी और फैसला सुनाया जाना था। सत्येंद्र जैन ने इस फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अपील करके न्याय की गुहार की है।

सत्येंद्र जैन का मामला स्पेशल जज गीतांजलि गोयल की कोर्ट में चल रहा था। महिला जज ने मामले में सुनवाई पूरी कर ली थी। मामला अंतिम चरण में था। लेकिन उसी दौरान प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट विनय कुमार गुप्ता ने मामले को स्पेशल जज विकास ढुल की कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया। जैन की तरफ से एडवोकेट कपिल सिब्बल कोर्ट में जिरह कर रहे थे। जबकि ईडी की तरफ से एएसजी एसवी राजू के साथ दो और वकील पेश हुए।

ईडी ने केस को दूसरी कोर्ट में ट्रांसफर कराने के लिए तीन तर्क दिए। एजेंसी की दलील थी कि जैन ने मेडिकल ग्राउंड पर बेल मांगी है। वो लोक नायक अस्पताल में दाखिल भी हुए थे। ये अस्पताल दिल्ली सरकार के अधीन है। ईडी का कहना था कि वो इसी महकमे के मंत्री थे और मेडिकल रिपोर्ट भी दुरुस्त नहीं है। ईडी ने अस्पताल की वेबसाइट का एक पेज भी गीतांजलि गोयल की कोर्ट में पेश किया। जहां जैन की फोटो प्रकाशित की गई थी।

ईडी का दावा है कि जैन ने अपनी बीमारी की झूठी कहानी गढ़ी। इलाज कराने के लिए उन्होंने उसी अस्पताल का चयन किया जिसके वो पैटर्न थे। जैन के वकील कपिल सिब्बल ने ईडी की दलीलों को पुरजोर विरोध कर कहा कि मामले की सुनवाई लगातार चल रही है। ईडी को अगर जज पर भरोसा नहीं था तो वो पहले भी केस को दूसरी कोर्ट में तब्दील करने की अपील कर सकती थी। लेकिन एजेंसी ने ये कदम तब उठाया जब केस की सुनवाई पूरी हो चुकी थी और याचिका पर फैसला आना था।

उधर जैस के वकील राहुल मेहरा ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा से अपनी अपील की जल्द सुनवाई को कहा। हाईकोर्ट ने सोमवार को सुनवाई पर सहमति जताई है।