जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन हो गया है। 79 साल के सत्यपाल मलिक लंबे समय से बीमार थे, उनका राजधानी दिल्ली स्थित RML अस्पताल में इलाज चल रहा था। छात्र राजनीति के रास्ते सियासत में आए सत्यपाल मलिक यूपी वेस्ट के बागपत जिले के हिसावदा गांव के रहने वाले थे। जाट समुदाय से संबंध रखने वाले सत्यपाल मलिक बिहार, गोवा और मेघालय के भी राज्यपाल रहे। जम्मू-कश्मीर से उनके राज्यपाल रहते ही 370 हटाई गई और राज्य को दो UT – जम्मू-कश्मीर व लद्दाख में बांट दिया गया। हालांकि किसान आंदोलन के दौरान सत्यपाल मलिक के नरेंद्र मोदी सरकार से रिश्ते खराब हो गए। कौन थे सत्यपाल मलिक?
बागपत के हिसावदा गांव की 300 साल पुरानी वह हवेली, जहां मलिक ने अपना बचपन बिताया था, आज भी जस की तस खड़ी है। हालांकि अब उनका परिवार स्थायी रूप से गांव में नहीं रहता, लेकिन रिश्तेदारों आज भी वहीं बसे हैं। रिश्ते के भतीजे अमित मलिक ने बताया कि सत्यपाल मलिक की प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय में हुई थी। बाद में वह साइकिल से ढिकौली में स्थित एमजीएम इंटर कॉलेज पढ़ने जाया करते थे। उन्होंने कहा कि 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने मेरठ कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की। उन्होंने कहा कि गांव में पढ़ाई के प्रति उनका आग्रह और अनुशासन बच्चों के लिए प्रेरणा था।
जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक के निधन की खबर मंगलवार सुबह बागपत में स्थित उनके पैतृक गांव हिसावदा पहुंचने पर शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों की आंखों में आंसू थे और चेहरों पर गहरी उदासी छाई थी। गांव की गलियों में सन्नाटा था मलिक की हवेली के आंगन में एक अजीब-सी खामोशी पसरी हुई थी। मलिक का लंबी बीमारी के बाद मंगलवार को दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 79 वर्ष के थे।
सत्यपाल मलिक के निधन पर पीएम नरेंंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा – सत्यपाल मलिक के निधन से दुःखी हूं। इस दुःख की घड़ी में मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ऊंं शांति।
सत्यपाल मलिक का नाता कई बार विवादों से भी रहा। उनके पीएम नरेंद्र मोदी से कई मुद्दों मतभेद रहे। उन्होंने द वायर को दिए एक साक्षात्कार में भ्रष्टाचार और 2019 के पुलवामा हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए थे।
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के निधन पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि यह बहुत दुखद है, एक मज़बूत किसान नेता का निधन एक अपूरणीय क्षति है। मेरा उनसे पारिवारिक रिश्ता था, मैं बहुत निराश हूं।
सत्यपाल मलिक के निधन पर नेता विपक्ष राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक जी के निधन की ख़बर सुनकर बेहद दुख हुआ। मैं उन्हें हमेशा एक ऐसे इंसान के रूप में याद करूंगा, जो आख़िरी वक्त तक बिना डरे सच बोलते रहे और जनता के हितों की बात करते रहे। मैं उनके परिवारजनों, समर्थकों और शुभचिंतकों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।”
सत्यपाल मलिक साल 1974-77 में विधायक बने। वह यह चुनाव चौधरी चरण सिंह की पार्टी भारतीय क्रांति दल के टिकट पर लड़े। साल 1980 मेंं चरण सिह की लोक दल ने उन्हें राज्यसभा भेजा। 1984 में वो कांग्रेस में शामिल हो गए।
आरएमएल अस्पताल ने बताया कि सत्यपाल मलिक को मधुमेह, किडनी रोग, उच्च रक्तचाप और रुग्ण मोटापा तथा अवरोधक निद्रा अश्वसन सहित कई बीमारियों का लंबे समय से सामना कर रहे थे।
सत्यपाल मलिक ने राजनीति चौधरी चरण सिंह से सीखी थी। वह मेरठ यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष भी रहे। कई पार्टियों में रहते हुए वह बीजेपी में आए और फिर कई राज्यों के राज्यपाल बनाए गए।
जम्मू-कश्मीर से 370 पांच अगस्त को ही हटाया गया था। तब सत्यपाल मलिक ही जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे। आज पांच अगस्त है। आज ही के दिन सत्यपाल मलिक ने अंतिम सांस ली है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन हो गया है। वह दिल्ली के RML अस्पताल में भर्ती था।