शिवसेना नेता संजय राउत ने मंगलवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर गाजीपुर में किसानों के विरोध स्थल पर जाकर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत से मुलाकात की। राउत ने कहा कि वे मुंबई से यहां इसलिए आए हैं क्योंकि हमारा कर्तव्य बनता है। उन्होंने कहा कि पूरी शिवसेना राकेश टिकैत के साथ है। उधर, टिकैत ने सरकार से वो नंबर मांगा जिस पर बात करने के लिए सरकार एक कॉल दूर है। उनका कहना था कि हमें दिल्ली जाना नहीं। उनका सवाल था कि सरकार रास्ते क्यों बंद कर रही है। टिकैत के मुताबिक, सरकार ने आम लोगों के रास्ते में कीलें लगाई हैं।
राउत दोपहर में करीब एक बजे यहां पहुंचे और मंच के पास टिकैत तथा अन्य प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की। उस समय राउत सहित कुछ लोगों ने ही मास्क पहन रखे थे। राउत ने कहा, 26 जनवरी के बाद जिस तरह से यहां तोड़फोड़ हुई और आंदोलन के दमन की कोशिश की गई, हमने महसूस किया कि किसानों का समर्थन करना हमारी जिम्मेदारी है। उनके साथ पार्टी के सांसद अरविंद सावंत भी मौजूद थे।
We spoke to Tikait sahib, gave our message & expressed solidarity. Govt should speak to farmers in a proper way. Ego would not help run the country: Shiv Sena MP Sanjay Raut at Ghazipur border pic.twitter.com/8pbPSH39js
— ANI (@ANI) February 2, 2021
संजय राउत ने कहा, जिस तरह से किसान आंदोलन को कुचलने की कोशिश की गई वह दुखद है। यह लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन है। राउत ने किसानों से कहा कि पूरी शिवसेना, उद्धव ठाकरे और हम सब उनके साथ हैं। सरकार को किसानों के साथ कायदे से बात करनी चाहिए। अहंकार से देश चलाने में मदद नहीं मिलेगी। राउत ने दिल्ली आने से पहले ट्वीट कर कहा था कि वे महाराष्ट्र सीएम उद्धव ठाकरे के सुझाव पर गाजीपुर बॉर्डर जा रहे हैं।
राकेश टिकैत (@RakeshTikaitBKU) ने मांगा सरकार से वो नंबर जिस पर बात करने के लिए सरकार एक कॉल है दूर; इसके अलावा, उन्होंने कहा-''हमें दिल्ली जाना नहीं..सरकार ने तो आम लोगों के रास्ते में लगाई हैं कीले''। @kumarkunalmedia | #ReporterDiary #FarmersProtest #FarmLaws pic.twitter.com/crMff4Smj1
— AajTak (@aajtak) February 2, 2021
गौरतलब है कि किसानों का आंदोलन मंगलवार को 67वें दिन में प्रवेश कर गया है। 28-29 जनवरी के बाद तेज हुए आंदोलन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर समेत सभी धरनास्थलों पर सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी है। कंटीले तारों के अलावा कंक्रीट की दीवारें खड़ी कर दी गई हैं।
उधर, 26 जनवरी के बाद आंदोलन को कुचलने की घटना के बाद टिकैत को मिलने वाला समर्थन लगातार बढ़ रहा है। टिकैत से मिलने कई राजनीतिक दलों के नेता पहुंच रहे हैं। 31 जनवरी को अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल टिकैत से मिले थे। इससे पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी उनसे मुलाकात की थी। राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी भी टिकैत से मिल चुके हैं।