Sandeshkhali Row: बीजेपी की फैक्ट फाइंडिंग टीम को संदेशखाली जाने से पुलिस ने रोक दिया। उन्हें कहा गया की इलाके में धारा 144 लगी है और इस वजह से वो वहां नहीं जा सकते। वहीं, शुभेंदू अधिकारी ने वहां जाने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। साथ ही, राष्ट्रीय एससी आयोग ने राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपी है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आदेश पर छह सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया है। प्रताड़ना और धमकी के आरोपों की जांच के लिए टीम आज संदेशखाली पहुंचेगी और गांव के लोगों से बातचीत करेगी। फैक्ट फाइंडिंग टीम दिल्ली लौटकर जेपी नड्डा को रिपोर्ट सौंपेगी। ऐसे में जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है और इसकी शुरुआत कैसै हुई।

पूरे मामले को विस्तार से समझने के लिए पहले थोड़ा पीछे चलना होगा। दरअसल, 5 जनवरी को ईडी की एक टीम पश्चिम बंगाल राशन घोटाले में टीएमसी नेता शाहजहां शेख के घर पर छापेमारी करने पहुंची थी। इस दौरान उन पर उग्र भीड़ या कहें कि उनके समर्थकों ने टीम पर जमकर पत्थर बरसा दिए। शाहजहां शेख घटना के बाद फरार हो गए और समन के बाद भी जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए।

8 फरवरी से गांव की महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके प्रशंसकों के खिलाफ विरोध जताना शुरू कर दिया। इन महिलाओं ने टीएमसी नेता और उनके समर्थकों पर अत्याचार करने समेत जमीन पर कब्जा करने के कई गंभीर आरोप लगाए। 9 फरवरी को शाहजहां के समर्थक हाजरा के तीन पोल्ट्री फार्म पर आगजनी कर दी गई और उन्हें जला दिया गया।

महिलाओं ने लगाए गंभीर आरोप

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक महिला ने आरोप लगाया कि टीएसी के कार्यकर्ता गांव में घर-घर जाकर सर्वे करते हैं। उन्हें अगर कोई सुंदर लड़की या महिला दिखती है तो वह उसे अपने ऑफिस में ले जाते हैं और कई रातों तक रखते हैं। महिला ने कहा कि शाहजहां की गैरमौजूदगी के बाद ही महिलाओं ने अपने हक में आवाज बुलंद करने का फैसला किया। प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने टीएमसी के दूसरे नेताओं पर भी आरोप लगाए हैं। जिन पर आरोप लगाए उनमें, उत्तम सरदार और शिबप्रसाद हाजरा भी शामिल हैं। यह दोनों शाहजहां शेख के काफी करीबी बताए जाते हैं।

9 फरवरी की रात के बाद से संदेशखाली में सरकार ने धारा 144 लागू कर दी थी। कई इलाकों में बाजार और दुकानें बंद रहीं और इंटरनेट सेवाओं पर भी पाबंदी लगा दी गई। संदेशखाली थाना क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी। इसी बीच कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लिया और धारा 144 को रद्द कर दिया। कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि धारा 144 क्यो लागू की गई। सरकार इस बात का कोर्ट को कोई जवाब नहीं दे पाई। कोर्ट की नाराजगी के बाद धारा 144 को हटा दिया गया। हालांकि, कुछ इलाकों में अभी भी धारा 144 लागू है।

राज्यपाल ने किया दौरा

इसके बाद 12 फरवरी को राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने घटनास्थल का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब मैंने महिलाओं की बात को ध्यान से सुना तो मुझे भरोसा ही नहीं हुआ कि रविंद्र नाथ टैगोर की धरती पर ऐसा भी हो सकता है। वहीं, टीएमसी के नेता विकास सिंह और उत्तम सिंह को कोर्ट से जमानत मिल गई। पुलिस ने दावा किया कि कोर्ट से उनकी दस दिन की रिमांड की मांग की थी। हालांकि, उन्हें जमानत दे दी गई।

14 फरवरी को पुलिस ने संदेशखाली की घटना को लेकर बयान जारी किया था। इसमें कहा गया था कि अभी तक किसी भी महिला के द्वारा रेप की कोई भी शिकायत नहीं दी गई है। राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने कहा कि शिकायतों की तहकीकात की जाएगी और कानूनी रूप से एक्शन भी लिया जाएगा।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले पर कड़ा रूख अपनाने हुए टीएमसी पर हमला बोलना शुरू कर दिया और जमकर टारगेट किया। 12 फरवरी को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा और कई गंभीर आरोप भी लगाए। 14 फरवरी के दिन बीजेपी के समर्थक प्रदर्शन कर रहे थे। इसमें शामिल होने के लिए प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार भी पहुंचे। प्रदर्शन के दौरान ही बीजेपी और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इसमें सुकांत मजूमदार को काफी चोंटे आईं। अब घटना को गंभीरता से लेते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक टीम का गठन किया है जो मामले की तहकीकात कर जांच रिपोर्ट सोमवार तक पेश करेगी।