पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में विवाद बढ़ता ही जा रहा है। महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच रामपुर में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की सुरक्षा बलों से झड़प हुई। कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी को पुलिस ने संदेशखाली जाने से रोका गया जिसके बाद वह रामपुर में धरने पर बैठ गए। कांग्रेस ने सवाल उठाया विपक्षी दलों के सदस्यों को संदेशखाली जाने से क्यों रोका जा रहा है। कांग्रेस ने कहा कि बंगाल सरकार अशांत संदेशखाली में क्या छिपाने की कोशिश कर रही है। जानें संदेशखाली में आज दिनभर हुई हलचल की बड़ी बातें।

  1. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ सी.वी. आनंद बोस से मिलने के लिए भाजपा प्रतिनिधिमंडल कोलकाता के राजभवन पहुंचा।
  2. भाजपा सांसदों के एक केंद्रीय दल को शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के संदेशखाली का दौरा करने से रोक दिया गया। केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने कहा कि पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लागू की गई निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए भाजपा सांसदों के केंद्रीय दल को संदेशखाली जाने की अनुमति नहीं दी। रामपुर गांव में रोके जाने के बाद भाजपा का छह सदस्यीय दल धरने पर बैठ गया।
  3. भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा ने संदेशखालि का दौरा करने के लिए पार्टी सांसदों की छह सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति की संयोजक अन्नपूर्णा देवी हैं। केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक, सुनीता दुग्गल, कविता पाटीदार, संगीता यादव और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल समिति के सदस्य हैं।
  4. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में संदेशखाली जा रही पार्टी की रैली को पुलिस ने रोक दिया। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही हैं। चौधरी के नेतृत्व में जा रही कांग्रेस की रैली को पुलिस ने शुरु में सरबेरिया में रोका और दोबारा उसे रामपुर में रोका। जिसके बाद अधीर रंजन ने सवाल किया, ‘‘क्यों विपक्षी पार्टियों को संदेशखाली में दाखिल होने से रोका जा रहा है? राज्य सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है? क्यों वे मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं?’’ पुलिस ने धारा 144 के लागू होने का हवाला देते हुए कांग्रेस की टीम को अनुमति नहीं दी। रामपुर गांव में रोके जाने के बाद चौधरी और कांग्रेस कार्यकर्ता धरना पर बैठ गए।
  5. एनसीएससी प्रमुख अरुण हलदर ने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने संदेशखाली हिंसा मामले पर अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी, जिसमें आयोग ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की। उन्होंने कहा, ”हमने सिफारिश की है कि पश्चिम बंगाल की स्थिति को देखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि संदेशखाली में हिंसा का असर अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों पर भी पड़ रहा है।