Tarapur Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सोमवार 20 अक्टूबर नामांकन का आखिर दिन था और इस दिन पूरे विपक्षी महागठबंधन में काफी उथल-पुथल का माहौल देखने को मिला था। कई प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिया तो कई ने अपनी पार्टी के खिलाफ बगावती रुख बरकरार रखा लेकिन एक गजब का खेला उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की तारापुर सीट पर हुआ, जिसके चलते तेजस्वी यादव और आरजेडी की टेंशन बढ़ सकती है।
दरअसल, सम्राट चौधरी की तारापुर सीट पर मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी ने सीट शेयरिंग तय न होने के बावजूद महागठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर सकलदेव बिंद को उतार दिया था। आज नामांकन के आखिरी दिन उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया और वीआईपी से बागी हो गए। सकलदेव ने बीजेपी का दामन थाम लिया।
तारापुर से सम्राट के सामने आरजेडी के उम्मीदवार
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि निर्वाचन आयोग ने सकलदेव बिंद का नाम निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर डाला है। अहम बात यह भी कि आरजेडी ने वीआईपी पर दबाव बनाकर इस सीट पर उसके कैंडिडेट से नाम वापस करवाया है। इसके बाद आरजेडी ने इस सीट से अरुण कुमार को उतारा है, जिनका नामांकन स्वीकृत हो गया है और वो सम्राट चौधरी को चुनौती देने वाले हैं।
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महागठबंधन और तेजस्वी के लिए क्या है टेंशन
ऐसा नहीं है कि तारापुर सीट पर महागठबंधन का उम्मीदवार नहीं है, बल्कि अब तो आरजेडी जैसी बड़ी पार्टी का उम्मीदवार अरुण कुमार के तौर पर मौजूद है लेकिन अहम बात यह भी है कि इस सीट पर महागठबंधन के दो दलों यानी आरजेडी और वीआईपी के बीच दरार पड़ गई है। इसके अलावा जो सकलदेव कल तक सम्राट के खिलाफ बोल रहे थे, वो आज उनके साथ हो लिए तो, पार्टी का काडर भी बंटने की संभावना है।
आरजेडी का प्लान तारापुर सीट पर सम्राट चौधरी को घेरने का था लेकिन अब फिलहाल जैसी स्थिति महागठबंधन के बीच है उससे बीजेपी नहीं बल्कि टेंशन आरजेडी के सामने है। अनुमान है कि इस सीट पर तेजस्वी आगे रैली और रोड शो के जरिए वोट मांगेंगे और ज्यादा से ज्यादा जनसमर्थन जुटाने का प्रयास करेंगे।
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