यूपी विधानसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव मजबूत विपक्ष नेता के तौर पर उभरे तो लेकिन पार्टी में उनकी मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। बता दें कि पार्टी के मुस्लिम नेताओं द्वारा विरोध के सुर तेज होने के बाद अब सपा के राज्यसभा सांसद सुखराम सिंह यादव भी पार्टी नेतृत्व से नाराज देखे जा रहे हैं। उन्होंने सपा में खुद की उपेक्षा होने का आरोप लगाया है।
सपा सांसद सुखराम यादव ने कहा कि पार्टी की विषम परिस्थितियों के बाद भी अखिलेश यादव के पास मुझसे मिलने का समय नहीं है तो अब मेरे पास भी उनसे मिलने का समय नहीं है। वहीं सुखराम ने मुलायम सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि उनमें सामंजस्य बनाए रखने की क्षमता थी लेकिन आज के नेतृत्व में ऐसा नहीं है।
अखिलेश के साथ मतभेदों के बाद भी उन्होंने कहा कि मेरे लिए नेता जी मुलायम सिंह यादव हमेशा सर्वेसर्वा हैं और रहेंगे। यादव ने कहा कि मैं केवल इतना चाहता हूं कि नेताजी का सम्मान बरकरार रहे।
सुखराम यादव ने कहा कि अगर अखिलेश यादव की कार्यशैली सही नहीं हुई तो पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। वहीं सुखराम ने मोदी-योगी तारीफ करते हुए कहा कि वो दोनों अभूतपूर्व क्षमता वाले नेता हैं।
बता दें कि सुखराम यादव मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के करीबियों में से एक हैं। इसके अलावा गुरुवार को सुखराम सिंह यादव ने अपने परिजनों संग सीएम योगी से मुलाकात की है। इसके बाद से सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। बता दें कि सपा सांसद के बेटे मोहित यादव सपा से किनारा कर भाजपा में जा चुके हैं।
सीएम योगी से मुलाकात को लेकर राज्यसभा सांसद ने शुक्रवार को पीटीआई को बताया कि मार्च में शपथ ग्रहण समारोह के बाद वो योगी आदित्यनाथ से मिल नहीं पाये थे। इसलिए वो अब सीएम योगी को बधाई देने गए थे। हालांकि इस मुलाकात के कुछ और भी मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल राजनीतिक गलियारों में सपा के वरिष्ठ नेता और अखिलेश यादव के बीच मतभेद की खबरें हैं। ऐसे में सुखराम के भाजपा में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं।
हालांकि सुखराम यादव ने इस तरह की बातों का खंडन किया है। कहा ये भी जा रहा है कि सुखराम यादव का राज्यसभा का कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने वाला है और वह भाजपा के सहयोग से एक और कार्यकाल पाने की उम्मीद कर रहे हैं।