केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले दो महीने से भी ज्यादा समय से जारी है। इसी बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर अपने एक ट्वीट को लेकर विवादों में हैं। अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना, पॉर्न स्टार मिया खलीफा और एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने किसानों के समर्थन में ट्वीट किए थे। जिसके बाद सचिन ने ट्वीट कर लोगों से एकजुट रहने और देश की संप्रभुता के साथ समझौता नहीं करने की बात कही थी।

इसके लेकर ‘रिपब्लिक भारत’ के शो ‘पूछता है भारत में’ इसको लेकर डिबेट हो रही थी। इस दौरान अकाली दल नेता मनजिंदर सिंह सिरसा से कहा कि सचिन से किसी को कोई दिक्कत नहीं है। वे उनके निजी विचार है, उनके विचार देश के विचार नहीं हो सकते। सिरसा ने कहा “अगर सब सचिन की राय मान लेंगे तो डेमोक्रेसी कैसा बात की है। सचिन तेंदुलकर का किसी ने निजी तौर पर विरोध नहीं किया।”

भाजपा प्रवक्ता प्रेम शुक्ला “राय रखने पर आपत्ति नहीं है, लेकिन आपत्ति यह है कि भारत रत्न तेंदुलकर के पोस्टर पर युवा कांग्रेस के वर्कर्स ने कालिख पोत कर उनका अपमान क्यों किया।” प्रेम शुक्ला ने आहे कहा कि राहुल गांधी या अपने नेताओं के चहेरे पर कोई कालिख पोत देगा तो आपको कैसा लगेगा। इसपर सिरसा ने कहा कि नहीं नहीं वह तो गलत है। ऐसा नहीं करना चाहिए था। विरोध एक मरियादा में करना चाहिए।

सिरसा ने कहा कि मुझे नहीं पता ये कालिख किसने पोती। किसी को भी इस तरह से विरोध नहीं करना चाहिए, जिसमें गाली दी जा रही हो या अपशब्द बोले जा रहे हो। ऐसा करने पर डेमोक्रेसी की सारी वैल्यू खत्म हो जाएगी। सिरसा ने कहा “हम आप से सहमत हैं।

सचिन को NCP प्रमुख शरद पवार ने भी नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि देश के सेलेब्रिटीज जो स्टैंड लेते हैं, उस पर बहुत से लोग तेजी से रिएक्ट करते हैं। इसलिए मैं सचिन तेंदुलकर को सलाह दूंगा कि उन्हें किसी दूसरी फील्ड के बारे में बोलने से पहले सतर्क रहना चाहिए।

बता दें सचिन ने ट्वीट कर लिखा था कि ‘भारत की संप्रभुता से समझौता नहीं किया जा सकता है। बाहरी ताकतें दर्शक तो बन सकती हैं भागीदार नहीं हो सकती। भारतीय अपने देश को समझते हैं और इसके हित में फैसले कर सकते हैं। देश के तौर पर हमें एकजुट रहना चाहिए।’