सचिन तेंदुलकर ने कहा कि 2011 वर्ल्‍ड कप फाइनल से पहले खचाखच भरे वानखेडे स्टेडियम में राष्ट्रगान गाना उनके करियर का सबसे गौरवपूर्ण लम्हा था। तेंदुलकर ने कहा, ‘लेकिन यह (राष्ट्रगान गाना) अलग स्तर पर चला गया था, जब हम पाकिस्तान के खिलाफ 2003 वर्ल्‍ड कप के दौरान सेंचुरियन में खेल रहे थे। स्टेडियम में मौजूद 60,000 लोगों के साथ ‘जन गण मन’ गाना बेहद खास था।’ ‘द स्पोर्ट हीरोज’ एल्बम के विमोचन के मौके पर तेंदुलकर ने यह बात कही। इस एल्बम का लक्ष्य युवाओं को खेल के प्रति प्रेरित करना है।

सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘जब आप ‘जन गण मन’ गा रहे हो तो आपका सिर हमें उंचा होता है, लेकिन आज आप मैदान के बीच में खड़े होकर ऐसा करते हो तो आपका सीना चौड़ा हो जाता है।’ उन्होंने कहा, ‘मेरे इससे जुडे कुछ अनुभव हैं। एक पाकिस्तान के खिलाफ हैं, दूसरा जब हम विश्व कप 2011 फाइनल खेल रहे थे, मैं उस अनुभव को कभी नहीं भुला सकता। पूरा स्टेडियम जन गण मन गा रहा था और यह अब भी मेरे कानों में गूंजता है। यह मेरे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण अहसास था।’

तेंदुलकर ने कहा, ‘हम इतनी सारी निजी उपलब्धियां हासिल करते हैं। टीम उपलब्धियां हासिल करती है, लेकिन जब हमारे राष्ट्रगान की बात आती है तो सभी बातें पीछे चली जाती हैं।’