राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच सचिन पायलट की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। सीएम अशोक गहलोत के बाद पार्टी भी पायलट के खिलाफ सख्त रुख अपना सकती है। यदि ऐसा होता है और सचिन पायलट कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करते हैं तो यह कांग्रेस पार्टी का 49वां विभाजन होगा। हालांकि इनमें से सिर्फ 16 नेता ही सफल हो सके हैं बाकि या तो पार्टी में वापस लौट आए या फिर उनका राजनैतिक करियर ही खत्म हो गया।

द प्रिंट के एक लेख के अनुसार, कांग्रेस विचारक वी.एन गाडगिल ने कहा था कि कांग्रेस नेता पार्टी छोड़ते वक्त तो शेर होते हैं लेकिन मेमने बनकर पार्टी में वापसी करते हैं। पार्टी से अलग होकर सफल होने वाले नेताओं में शरद पवार, ममता बनर्जी, जगन मोहन रेड्डी, के.चंद्रशेखर राव और मुफ्ती मोहम्मद सईद का नाम शामिल है।

लेख के अनुसार, कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं की फेहरिस्त लंबी है और इस लिस्ट में डीके बरुआ, वेटरन कांग्रेस नेता विद्याचरण शुक्ला, अर्जुन सिंह जैसे दिग्गत नेताओं के नाम भी शामिल हैं। हालांकि बाद में अर्जुन सिंह और विद्याचरण शुक्ला की कांग्रेस में वापसी भी हुई थी। इसी तरह कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर भी 1997 में कांग्रेस छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे लेकिन कुछ दिन बाद ही वह भी वापस कांग्रेस में लौट आए थे।

ऐसी भी चर्चाएं हैं कि सचिन पायलट यदि राजस्थान में थर्ड फ्रंट बनाने के बारे में सोचते हैं तो उन्हें फायदा मिल सकता है। गौरतलब है कि जब भी किसी राज्य में थर्ड फ्रंट अस्तित्व में आता है तो इसका नुकसान कांग्रेस को ही उठाना पड़ा है। दिल्ली, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार ऐसे ही राज्य हैं, जहां अब कांग्रेस पार्टी का अपने अकेले दम पर सत्ता में वापसी करना दूर की बात हो गई है। हालांकि सचिन पायलट के लिए यह राह उतनी भी आसान नहीं है।

बता दें कि सचिन पायलट ने बीते हफ्ते अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी। हालांकि सचिन पायलट की बगावत के बावजूद अशोक गहलोत अपना किला बचाने में कामयाब रहे। यही वजह है कि अब सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। पार्टी ने सचिन पायलट को डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया है। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने सचिन पायलट और 18 अन्य बागी विधायकों को नोटिस जारी कर पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने पर जवाब मांगा है।

विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट खेमा हाईकोर्ट पहुंच गया है। जहां हाईकोर्ट ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई की। कोर्ट अब सोमवार को फिर से इस मसले पर सुनवाई करेगा। तब तक विधानसभा अध्यक्ष की कार्रवाई पर कोर्ट ने रोक लगा दी है।