Sachin Pilot News: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले ‘भाजपा बनाम कांग्रेस’ से ज्यादा ‘सचिन पायलट बनाम अशोक गहलोत’ की खबरों ने सुर्खियां बटोरी है। अब एकबार फिर से राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट खबरों में हैं लेकिन इस बार वजह दूसरी है लेकिन मकसद वही। दरअसल सचिन पायलट ने हाल ही में अपने मीडिया फ्रेंड्स के लिए किसान लंच का आयोजन किया था।

किसान लंच के आयोजन सचिन पायलट के पिता पिता राजेश पायलट (Rajesh Pilot) द्वारा शुरू किया गया था। हर साल राजेश पायलट द्वारा यह आयोजन खेती-किसानी से जुड़े लोगों से संपर्क में बने रहने के लिए किया जाता था। सचिन पायलट भी अपने पिता के नक्शे-कदम पर हर साल किसान लंच का आयोजन करते हैं। हाल ही में हुए इस लंच में दिल्ली की मीडिया के बड़े चेहरों को आमंत्रित किया गया।

किसान लंच में क्या था खास?

सचिन पायलट के लंच में मिलेट्स से बने व्यंजन दिखाई दिए। सचिन पायलट के ट्रेडिशनल ‘किसान लंच’ में फार्म फ्रेश आइटम- गाजर, अमरूद, ‘बेर’ फल, मूली, लाल और हरी मिर्च-लहसुन की ‘चटनी’, बाजरे की ‘रोटियां’ के साथ ‘माखन’ और गुड़ परोसे गए थे।

सियासत है किसान लंच का मकसद?

सचिन पायलट अभी भले ही राजस्थान कांग्रेस में इंटरनल राजनीति में हाशिए पर नजर आ रहे हों लेकिन हाल ही में उनकी जनसभाओं में उमड़ी भीड़ ने अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को जरूर परेशान किया होगा। किसान लंच के जरिए सचिन पायलट ने दिल्ली में मौजूद पत्रकारों के बीच अपने संपर्कों को और बेहतर करने का प्रयास किया।

सचिन पायलट अभी भले ही राजस्थान में पूरी तरह से सक्रिय हों लेकिन वह मनमोहन सरकार (Manmohan Singh Government) के दौरान केंद्र में मंत्री थे। तभी से दिल्ली स्थित मीडिया के लोगों से वह लगातार संपर्क में हैं। इन लोगों से लगातार संपर्क में रहने के लिए वो हर साल गेट-टूगेदर करते हैं। जानकारों का कहना है कि नेता ऐसे गेट-टूगेदर का आयोजन सियासत में होने वाले फायदों को ध्यान में रखकर ही करते हैं। राजस्थान में आने वाले दिनों में चुनाव होने है इसलिए इसबार किसान लंच के आयोजन का मकसद पूरी तरह से सियासी माना जा सकता है।