Sabarimala Temple Kerala Supreme Court: केरल में सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर के कपाट दो महीने चलने वाली तीर्थयात्रा मंडला-मकरविलक्कू के लिए शनिवार (16 नवंबर) को कड़ी सुरक्षा के बीच खोल दिए गए। मंदिर के मुख्य पुरोहित ने सुबह पांच बजे मंदिर के गर्भगृह के कपाट खोले और पूजा अर्चना की। इस दौरान मंडला पूजा उत्सव के दौरान पूजा करने के लिए आए एक श्रद्धालु ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, “महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट भगवान से बड़ा नहीं है।”
केरल के पथनमथिट्टा जिले में पश्चिमी घाट के आरक्षित वन क्षेत्र में स्थित मंदिर में केरल, तमिलनाडु और अन्य पड़ोसी राज्यों के सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे। तंत्री के ‘पदी पूजा’ करने के बाद श्रद्धालु, जिन्हे दो बजे दोपहर को पहाड़ी पर चढ़ने की अनुमति दी गई, वे इरुमुडीकेट्टू (प्रसाद की पवित्र पोटली) के साथ मंदिर के पवित्र 18 सोपन पर चढ़ कर भगवान अयप्पा के दर्शन कर सकेंगे।
श्रद्धालु ने कही यह बात: इस बीच मंडला पूजा उत्सव के दौरान पूजा करने के लिए आए एक श्रद्धालु ने ANI से कहा कि महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट हमारे भगवान से बड़ा नहीं है।
महिलाओं को प्रवेश मिलने पर बवाल: पिछले साल 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने और राज्य की वाम मोर्चे की सरकार द्वारा इसका अनुपालन करने की प्रतिबद्धता जताने के बाद दक्षिणपंथी संगठनों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया था। हालांकि, इस साल उच्चतम न्यायालय ने 10 से 50 आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने संबंधी अपने फैसले पर रोक नहीं लगाई। लेकिन इस फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को सात न्यायाधीशों की वृहद पीठ को भेज दिया।