झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था। हालांकि कुछ दिनों के सियासी संकट के बाद राज्य में एक बार फिर जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बन गई है और मुख्यमंत्री बने चंपई सोरेन सरकार ने विधानसभा में बहुमत भी साबित कर दिया है। इसके बाद हेमंत सोरेन ने एक भावुक करने वाली स्पीच दी। इसको लेकर आज सामना के संपादकीय में हेमंत सोरेन को सलाह दी गई है कि वे न दुखी हों और न ही रोए। सामना में पूर्व सीएम की तारीफ में लिखा गया कि हर कोई नीतीश कुमार, एकनाथ शिंदे या फिर अजित पवार की तरह नहीं होता है, कुछ हेमंत सोरेन की तरह स्वाभिमानी भी होते हैं। इसमें कहा गया कि हेमंत सोरेन के रवैए से पीएम मोदी और अमित शाह को भी इस बात का एहसास हो गया है।
सामना में कहा गया कि महज 7 एकड़ के जमीन सौदे को लेकर मोदी-शाह ने हेमंत सोरेन को ईडी से राजभवन में ही गिरफ्तार करवा दिया था। बीजेपी को उम्मीद थी कि विधायक टूटेंगे और सरकार गिर जाएगी लेकिन ऐसा हुआ ही नहीं। इसके अलावा संपादकीय में कहा गया कि महाराष्ट्र में 40+40 घाती विधायकों को इन आदिवासी विधायकों से सीखना चाहिए। उन्होंने बदले की राजनीति को जोरदार भाषणों के जरिए ही चुनौती दे दी। सामना में सोरेन के बयान को लेकर कहा गया कि सोरेन ने जो भी कहा उसे समझना चाहिए।
बता दें कि पूर्व सीएम सोरेन ने ईडी के सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया था। उन्होंने कहा था कि किसी सात एकड़ जमीन के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया है। इसके कागजात जनता के सामने लाने चाहिए। उन्होंने अपने बयान के दौरान राजनीति छोड़ने तक की बात कर दी थी और कहा था कि अगर आरोप साबित हो गए तो वे झारखंड तक छोड़कर चले जााएंगे।
गिरफ्तारी की कतार में केजरीवाल
सामना में कहा गया कि हेमंत सोरेन ऐसा आक्रामक बयान इसलिए दे सकते हैं, क्योंकि उनके सिक्के असली खनकदार हैं। सामना के संपादकीय में सोरेन की गिरफ्तारी को राजनीतिक मामला बताते हुए कहा गया कि यह भयानक हैं। सोरेन ईडी की गिरफ्त में हैं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कतार में हैं। इसमें कहा गया कि महाराष्ट्र में ईडी की धमकी पर सरकार गिराई जा चुकी है। इसके अलावा अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कतार में हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कहा गया कि उनकी मानसिक विकलांगता वाली है। नीतीश कुमार के करीबियों पर ईडी ने छापेमारी की और नीतीश झुक गए लेकिन मोदी-शाह के सामने लालू प्रसाद यादव और परिवार झुकने को कतई तैयार नहीं है।
आंसुओं से आएगा तूफान
संपादकीय में लिखा गया कि हेमंत सोरेन रोएं नहीं, हमारी आंखों में भी आंसू हैं लेकिन इन्हें गिराएंगे नहीं, क्योंकि ये बाद में चिंगारी बनेंगे। सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर कहा गया कि ऐसा पहली बार है कि किसी सीएम को राजभवन में गिरफ्तार किया गया। अब यह देखना है कि लोकसभा अध्यक्ष के आवास, राष्ट्रपति भवन में गिरफ्तारियां कब होती हैं। सामना के संपादकीय में दिल्ली के मुख्यमंत्री के आक्रामक रवैए को लेकर कहा गया कि अरविंद केजरीवाल झुकने को तैयार नहीं है। उद्धव ठाकरे ने भी झुकने से मना कर दिया था। हेमंत सोरेन ने घुटने नहीं टेके, रोए नहीं, झुके नहीं। सोरेन की तारीफ करते हुए लेख में कहा गया कि सोरेन ने क्रांतिकारी की तरह जेल की राह पकड़ ली। हेमंत सोरेन ने लड़ने वालों के आंसुओं की कीमत बताई है और उन्हीं आंसुओं से कल के तूफान का निर्माण होगा।