यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की सरगर्मी बढ़ती जा रही है। इस बीच मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर कई बयान सुर्खियों में है। बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने बुधवार को कहा कि अगर जिन्ना को प्रधानमंत्री बना दिया गया होता तो देश का बंटवारा नहीं होता।

बता दें कि इस बयान पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा है कि ऐसी विचारधारा रखने वालों को पाकिस्तान चले जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “जिन लोगों को जिन्ना भारत की राजनीति के महापुरुष लगते हैं, उन्हें जिन्ना के देश चले जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को भारत पर, भारतीयों पर उन्हें बोझ बनकर नहीं जीना चाहिए।

वहीं आडवाणी द्वारा जिन्ना की मजार पर चादर चढ़ाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिस तरह राहुल गांधी, अखिलेश यादव, नवजोत सिंह सिद्धू और दिग्विजय सिंह राजनीतिक चुटकुले हैं उसी तरह यह भी एक खूबसूरत चुटकुला है। अपने गलत को सही साबित करने के लिए ये लोग कुछ भी अनाप-शनाप बोलते रहते हैं। बता दें कि बुधवार को इंद्रेश कुमार काशी विद्यापीठ के ललित कला विभाग में आयोजित चित्रकला प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में पहुंचे थे।

क्या कहा था ओपी राजभर ने: दरअसल ओपी राजभर से मीडिया ने अखिलेश द्वारा जिन्ना पर दिए बयान पर प्रतिक्रिया मांगी थी। जिसपर उन्होंने कहा कि अगर देश का पहला प्रधानमंत्री जिन्ना को बनाया गया होता तो देश का बंटवारा न हुआ होता। राजभर ने कहा, जिन्ना की तारीफ तो अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर लालकृष्ण आडवाणी तक किया करते थे।

वहीं बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने जिन्ना पर लगातार आ रहे बयानों पर जिन्ना को बंटवारे का खलनायक बताया है।

क्या था अखिलेश का बयान: 31 अक्टूबर को अखिलेश यादव ने एक चुनावी रैली में कहा था कि “सरदार पटेल जी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, जिन्ना एक ही संस्था में पढ़कर के बैरिस्टर बनकर आये थे। उन्होंने देश को आज़ादी दिलाई। अगर उन्हें किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ा तो वह पीछे नहीं हटे।