राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने लोगों से इंडिया की जगह भारत नाम इस्तेमाल करने की अपील की। उन्होंने लोगों से इसकी आदत डालने का आग्रह किया। भागवत ने कहा कि भारत नाम प्राचीन समय से चला आ रहा है और इसे आगे भी जारी रखना चाहिए।
आरएसएस प्रमुख ने शुक्रवार को सकल जैन समाज के कार्यक्रम में कहा कि हमारे देश का नाम सदियों से भारत ही है। भाषा कोई भी हो, नाम एक ही रहता है। भागवत ने कहा, ”हमारा देश भारत है और हमें सभी व्यवहारिक क्षेत्रों में इंडिया शब्द का इस्तेमाल बंद करके भारत का उपयोग शुरू करना होगा, तभी परिवर्तन आएगा। हमें अपने देश को भारत कहना होगा और दूसरों को भी समझाना होगा।”
आरएसएस प्रमुख ने अभिभावकों से अपने बच्चों को भारतीय संस्कृति, परंपरा और पारिवारिक मूल्यों से अवगत कराने का भी आग्रह किया। भागवत ने कहा कि वह सितंबर के आखिरी हफ्ते में एक कार्य दिवस को ‘अंतरराष्ट्रीय क्षमा दिवस’ के रूप में मनाने का अनुरोध सरकार से करेंगे। भागवत ने कहा कि आज दुनिया को हमारी जरूरत है। हमारे बिना, दुनिया नहीं चल सकती। हमने योग के माध्यम से दुनिया को जोड़ा है।
भारत में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू
इससे पहले आरएसएस प्रमुख ने शुक्रवार को कहा था कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और सभी भारतीय हिंदू हैं और सभी भारतीय हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने लोगों की अपेक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि संघ को इस सबके बारे में सोचना चाहिए।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुस्तान एक हिंदू राष्ट्र है और यह एक सच्चाई है। वैचारिक रूप से, सभी भारतीय हिंदू हैं और हिंदू का मतलब सभी भारतीय हैं। वो सभी जो आज भारत में हैं वे हिंदू संस्कृति, हिंदू पूर्वजों और हिंदू भूमि से संबंधित हैं, इसके अलावा और कुछ भी नहीं। भागवत ने कहा, “कुछ लोग इसे समझ गए हैं, जबकि कुछ अपनी आदतों और स्वार्थ के कारण समझने के बाद भी इस पर अमल नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, कुछ लोग या तो इसे अभी तक समझ नहीं पाए हैं या भूल गए हैं।”