Ratan Tata: मशहूर उद्योगपति रतन टाटा को शुक्रवार (7 अक्टूबर 2022) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े संगठन की ओर से ‘सेवा रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। रतन टाटा को आरएसएस से जुड़े सेवा भारती ने समाजसेवा के क्षेत्र में उनके सराहनीय योगदान के लिए सम्मानित किया है।
सेवा भारती ने बयान में कहा कि ‘सामाजिक कार्यों में अमूल्य योगदान या सामाजिक विकास के लिए धन उपलब्ध कराने के आधार पर प्रतिष्ठित व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। हालांकि रतन टाटा समारोह में शामिल नहीं हो पाए।
24 गणमान्य व्यक्तियों और संस्थानों को मिला सम्मान: संगठन की ओर से जारी बयान में बताया गया कि उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त) ने यहां एक समारोह में निस्वार्थ समाज सेवा के लिए 24 गणमान्य व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित किया। लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने एक बयान में कहा कि सेवा का अर्थ सेवा भारती से सीखा जा सकता है। यह एक ऐसा संगठन है जो निस्वार्थता से मिलता-जुलता है। जिसके पास कोई नहीं है उसके पास सेवा भारती है।
सी बी राजेंद्र प्रसाद को भी मिला सेवा रत्न: रतन टाटा के अलावा चलसानी बाबू राजेंद्र प्रसाद को भी ‘सेवा रत्न’ सम्मान से नवाजा गया। प्रख्यात और प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों को समाजसेवा के क्षेत्र में उनके सराहनीय काम के लिए यह सम्मान दिया गया। टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को हाल ही में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति में राहत कोष (PM-CARES) के नए ट्रस्टियों में से एक के रूप में नॉमिनेट किया गया था।
इससे पहले फरवरी 2022 में रतन टाटा को असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंता बिस्वा शर्मा ने राज्य के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘असम बैभव’ से सम्मानित किया था। एक उद्योगपति और समाज सेवी के रूप में रतन टाटा को असम में कैंसर केयर को आगे बढ़ाने में असाधारण योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया था।
जानें रतन टाटा के बारे में: रतन टाटा का जन्म 1937 में मुंबई में हुआ था। रतन टाटा टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी, टाटा संस के अध्यक्ष थे। यह पद उन्होंने साल 1991 से 28 दिसंबर 2012 तक संभाला। भारत के सफल बिजनेस टाइकून में से एक रतन टाटा को भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण (2008) और पद्म भूषण (2000) से सम्मानित किया गया है। बिजनेस के अलावा, रतन टाटा कई तरह के सामाजिक कार्यों और समाज सेवा के जरिए जरूरतमंदों की मदद करते रहते हैं।