K S Eshwarappa vs Suresh: कर्नाटक में भाजपा नेता केएस ईश्वरप्पा की ‘गद्दारों को गोली मारो’ वाली टिप्पणी पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीजेपी नेता की टिप्पणी के खिलाफ सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज (FIR) दर्ज की है। एफआईआर दर्ज होने के बाद ईश्वरप्पा ने कहा कि वो ऐसे मामलों से डरते नहीं हैं।
यह पूरा विवाद गुरुवार को उस वक्त शुरू हुआ, जब दावणगेरे में एक कार्यक्रम में पूर्व मंत्री ईश्वरप्पा ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करना चाहता हूं कि वे दो गद्दारों – डीके सुरेश और विनय कुलकर्णी को गोली मारने के लिए एक कानून लाएं, जो दक्षिण भारत को एक अलग देश बनाना चाहते हैं।”
ईश्वरप्पा की इस टिप्पणी के बाद इलाके के निवासी हनुमनथप्पा (36) की शिकायत के आधार पर दावणगेरे एक्सटेंशन पुलिस स्टेशन ने मामला दर्ज किया था।
अपने खिलाफ एफआईआर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईश्वरप्पा ने शिवमोग्गा में मीडिया कर्मियों से कहा कि वह इस तरह की एफआईआर से नहीं डरते। उन्होंने कहा, ”मैं राष्ट्रवाद और हिंदुत्व से जुड़े सिद्धांतों पर अपने खिलाफ 100 ऐसी एफआईआर से नहीं डरता।”
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा नेता के बयान के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गई। सिद्धारमैया ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि क्या यह एक राष्ट्रीय पार्टी से जुड़े नेता की भाषा है।
यह दावा करते हुए कि दक्षिणी राज्यों से एकत्र किए गए करों को उत्तर भारत में वितरित किया जा रहा था। कांग्रेस सांसद और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के भाई सुरेश ने 1 फरवरी को कहा था कि दक्षिणी राज्य एक अलग राष्ट्र की मांग करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। अगर इस अन्याय को नहीं सुधारा गया।
ईश्वरप्पा की टिप्पणी के बाद सुरेश ने शनिवार को उन्हें यह काम करने के लिए दूसरों का इंतजार करने के बजाय गोली मारने की चुनौती दी। सुरेश ने यहां मीडिया कर्मियों से कहा, “किसी और को मुझे गोली क्यों मारनी चाहिए? यदि आप (ईश्वरप्पा) मुझे समय देते हैं, तो मैं कर्नाटक, इसकी भूमि और कन्नडिगाओं की खातिर आपके सामने खड़ा रहूंगा।” उन्होंने कहा कि वह जल्द ही भाजपा नेता से मिलने का समय तय करेंगे।
बेंगलुरु ग्रामीण सांसद ने कहा, ‘आप चाहते हैं कि आपका नेतृत्व आपकी सराहना करे। (हत्यारों की) तलाश में इधर-उधर क्यों जा रहे हैं? मैं आपके घर आऊंगा। मैं जल्द ही एक समय तय करूंगा और एक सप्ताह के भीतर आपसे मिलूंगा। तैयार रहें कि आप मुझे गोली मारना चाहते हैं या नहीं।’ डीके शिवकुमार ने कहा कि उनके भाई सुरेश जानते हैं कि इस तरह की धमकियों से कैसे निपटना है।
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि सुरेश धमकियों से डरने वाला व्यक्ति नहीं है। हम जानते हैं कि इससे कैसे निपटना है। हमने अतीत में ऐसे कई खतरों का निपटारा किया है। शिवकुमार ने कहा कि हर कार्य का एक परिणाम होता है।
शिवकुमार ने कहा कि ईश्वरप्पा ने एक बार विधानसभा में मेरे पिता के बारे में बात की थी और हर कोई जानता है कि आगे क्या हुआ। ईश्वरप्पा आज कहां हैं?।
घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि कुछ लोग ईश्वरप्पा की ‘गद्दारों को गोली मारो’ वाली टिप्पणी को अलग अर्थ देने के लिए तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं।
येदियुरप्पा ने शिवमोग्गा में मीडिया कर्मियों से कहा, “लोग ईश्वरप्पा के बयान के बारे में नकारात्मक अर्थ बताने के लिए बात कर रहे हैं। ईश्वरप्पा ने केवल देशद्रोहियों को गोली मारने के लिए कानून बनाने की मांग की थी। ईश्वरप्पा के बयान और उनके खिलाफ की गई टिप्पणियों के बीच कोई संबंध नहीं है।”
येदियुरप्पा ने कहा कि ईश्वरप्पा अपने खिलाफ एफआईआर का सामना करने में सक्षम हैं। ईश्वरप्पा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार ने सीमा के भीतर रहने पर जोर दिया। शेट्टार ने हुबली में कहा, “ईश्वरप्पा ने अपने बयान का बचाव किया है। मैंने पहले भी कई बार कहा है कि किसी को भी ‘लक्ष्मण रेखा’ पार नहीं करनी चाहिए।”
भाजपा के पूर्व विधायक एमपी रेणुकाचार्य ने ईश्वरप्पा का समर्थन करते हुए कहा कि देश के विभाजन पर कोई चुप नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि ईश्वरप्पा एक कट्टर हिंदुत्व समर्थक हैं। उन्होंने केवल सच बोला है। जब कोई देश के विभाजन की बात करता है तो वह कैसे चुप रह सकते हैं?।
उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक के साथ कथित अन्याय के खिलाफ सात फरवरी को दिल्ली में कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रदर्शन का मकसद सुरेश के बयान से पैदा हुए विवाद से जनता का ध्यान भटकाना था।
ईश्वरप्पा की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कर्नाटक के आईटी/बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि यह भाजपा नेता की बुद्धि के स्तर को दर्शाता है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे ने कलबुर्गी में मीडिया कर्मियों से कहा कि गोली मारने के लिए कानून लाने का आपका (ईश्वरप्पा का) बयान आपकी बुद्धि के स्तर को दर्शाता है। जब वह खेल में नहीं हैं तो उनके बयानों को गंभीरता से क्यों लिया जाना चाहिए? उन्होंने पहले ही राजनीति से ‘अनैच्छिक सेवानिवृत्ति’ ले ली है और वह ऐसा नहीं कर सके। इस बीच, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यहां ईश्वरप्पा की टिप्पणी के विरोध में उनके घर का ‘घेराबंदी’ करने की कोशिश की। वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एहतियातन हिरासत में ले लिया।