उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर स्थित सरकारी स्कूल में मिड डे मील से जुड़े रोटी और नमक प्रकरण में मामले का वीडियो बनाने वाले पत्रकार पर एफआईआर हो गई है। सूबे के अधिकारी से जब इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने जवाब दिया, “पत्रकार को फोटो खींचनी चाहिए थी। आखिर उसने वीडियो क्यों बनाया?” अधिकारी ने आगे आरोप लगाया कि उक्त पत्रकार ने यूपी सरकार की छवि खराब करने के इरादे से वीडियो शूट किया था।

दरअसल, 22 अगस्त, 2019 को हिंदी दैनिक जनसंदेश टाइम्स के पत्रकार पवन जयसवाल ने एक वीडियो बनाया था। क्लिप में मिर्जापुर के स्कूल में बच्चे मिड डे मील के अंतर्गत फर्श पर बैठकर नमक और रोटी खा रहे थे। इसी मामले में पत्रकार के साथ गांव के सरपंच के प्रतिनिधि पर भी वीडियो बनाने के लिए यूपी सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगा है।

सुनें, FIR दर्ज होने पर क्या बोला पत्रकार-

उधर, सरकार का कहना है कि आरोपी व्यक्ति (सरपंच के प्रतिनिधि) को स्कूल में रिपोर्टर को बुलाने के बजाय सब्जियों का बंदोबस्त करना चाहिए था। मिर्जापुर में शीर्ष सरकारी अधिकारी अनुराग पटेल से यह पूछे जाने पर कि पत्रकार को खबर कवर करने गया था, फिर भी उस पर एफआईआर हो गई? उन्होंने जवाब दिया- वह सरकार को बदनाम करना चाहता था और इसिलए उसने वीडियो बनाया। उसे सिर्फ फोटो लेने चाहिए थे, क्योंकि वह अखबार के लिए काम करता है।

वायरल हो रहा है स्कूल में बच्चों द्वारा नमक-रोटी खाने का यह वीडियोः

बकौल पटेल, “खबर बनाने का दूसरा भी तरीका होता है। अगर आप ऑडियो सुनेंगे, तब कोई (गांव के सरपंच का प्रतिनिधि) रिपोर्टर से कह रहा है- आप यहां आइए और वायरल वीडियो बनाइए और इस साजिश का हिस्सा बनिए।”

यह पूछे जाने पर कि उसने एक भी बार वायरल शब्द नहीं इस्तेमाल किया तो पटेल ने इस पर कहा, “हो सकता है न कहा हो, पर उसने वीडियो बनाने के लिए तो कहा। आप प्रिंट मीडिया के पत्रकार हैं, लिहाजा आपको फोटो लेने चाहिए थे। आप उन्हें छापते, लेकिन आपने वैसा नहीं किया। हम इसलिए उन पर साजिश का आरोप लगा रहे हैं।”

पटेल ने इस दौरान पुराने बयान पर भी सफाई दी। कहा, “खिचड़ी में आप नमक और चावल डालते हैं, नहीं? ऐसे ही, दाल भी डाली जाती है। लेकिन यह चीज काफी दिन तक नहीं रही थी। उन्होंने इससे पहले वाले बयान में कहा था- बच्चों को खाने में चावल और नमक दिया जाता है।

उधर, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने साजिश वाली बात का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है- ऐसा लगता है कि किसी ने साजिश रची है। चाहे फिर वह सरपंच का प्रतिनिधि हो या कोई और, लेकिन सरकार किसी के साथ भी पक्षपात नहीं करेगी। अगर कोई सरकार को बदनाम करना चाहता है, तब उस पर ऐक्शन होगा। और अगर कोई बेगुनाह पाया गया, तो उसे कुछ नहीं होगा।

इसी बीच, पत्रकार के खिलाफ एफआईआर को लेकर मिर्जापुर में मंगलवार को 100 से अधिक पत्रकारों ने कलेक्ट्रेट दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करते हुए विरोध जताया।