आइटी कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजी ने हाल में जून तिमाही के लिए नतीजे जारी किए। उसके सकल मुनाफे में करीब 32 फीसद का भारी उछाल आया है। अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का सकल मुनाफा 2925 करोड़ रहा। 8.9 अरब डॉलर की कंपनी की तरफ से यह भी घोषणा की गई कि अब शिव नाडर कंपनी के चेयरपर्सन नहीं रहेंगे। शिव नाडर की जगह उनकी बेटी रोशनी नाडर को अब एचसीएल टेक्नोलॉजी का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है। इस पद को संभालते ही वह 36800 करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ भारत की सबसे अमीर महिला हैं। भारत की सबसे रईस महिला बन गई हैं।
शिव नाडर अब मुख्य रणनीति अधिकारी के साथ कंपनी के प्रबंध निदेशक बने रहेंगे। रोशनी नाडर की उम्र महज 38 साल है। वह शिव नाडर की इकलौती संतान हैं। 2019 में फोर्ब्स ने रोशनी नाडर को विश्व की 100 सबसे ताकतवर महिलाओं में शुमार किया था। रोशनी की पढ़ाई दिल्ली के वसंत वैली स्कूल में हुई। नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से उन्होंने आगे की पढ़ाई की। उन्होंने मीडिया फील्ड में काम किया है। एचसीएल में शामिल होने के पहले उन्होंने कई दूसरी कंपनियों में काम किया। पिता के कहने पर वह एचसीएल में शामिल हुईं। एक साल के भीतर उन्हें कंपनी का सीईओ और कार्यकारी निदेशक बना दिया गया।
रोशनी नाडर 2009 में 27 साल की उम्र में ही कंपनी की सीईओ बन गई थीं। सिर्फ 28 साल की उम्र में एचसीएल के सीईओ के तौर पर जिम्मेदारी संभालने वालीं रोशनी नाडर मल्होत्रा कहती हैं कि इसके चलते उन्हें पिता के साथ कारोबार में काफी वक्त गुजारने का मौका मिला है। उनका कहना है कि इससे उन्हें कारोबार की समझ हो रही है और पिता शिव नाडर को भी मदद मिल रही है। रोशनी नडार अकसर एचसीएल फाउंडेशन के जरिए सामाजिक कामों में भी सक्रिय रहती हैं।
रोशनी ने केलॅग स्कूल आफ मैनेजमेंट से बिजनेस एडमनिस्ट्रेशन में मास्टर्स किया है। वर्ष 2010 में उन्होंने शिखर मल्होत्रा से शादी की। शिखर फिलहाल एचसीएल हेल्थकेयर में वाइस चेयरमैन हैं। दोनों के दो बच्चे हैं। शिखर एक उद्यमी परिवार से आते हैं और कुवैत में पले-बढ़े हैं। कारोबार से लेकर उनकी शुरुआती समझ पारिवारिक कारोबार से ही आई, लेकिन बाद में उन्होंने बैबसॉन कॉलेज से बिजनेस की पढ़ाई भी की।
वर्ष 2009 में एचसीएल कॉरपोरेशन में आने के पहले उन्होंने स्काई न्यूज यूके और सीएनएन अमेरिका में बतौर न्यूज प्रोड्यूसर काम किया था। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक रोशनी को वन्य जीव संरक्षण में काफी अधिक दिलचस्पी है और इसके लिए उन्होंने वर्ष 2018 में द हैबिटैट्स ट्रस्ट की स्थापना की थी।
फाउंडेशन का लक्ष्य भारत के प्राकृतिक परिसंपत्ति और देश प्रजातियों का संरक्षण करना है। एचसीएल की वेबसाइट के मुताबिक, एचसीएल इंटरप्राइज 9.9 अरब अमरीकी डॉलर की कंपनी है। एचसीएल ग्रुप के तहत एचसीएल टेक्नोलॉजिज, एचसीएल इंफोसिस्टम्स और एचसीएल हेल्थ केयर शामिल हैं। करीब डेढ़ लाख लोग एचसीएल के लिए काम करते हैं। एचसीएल का विस्तार दुनिया के 49 देशों में है। वे शिव नाडर फाउंडेशन की ट्रस्टी भी हैं।
यह फाउंडेशन शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है। इसके अलावा रोशनी आर्थिक रूप से अक्षम और ग्रामीण परिवेश से आने वाले विद्यार्थियों के लिए काम करने वाली संस्था विद्या-ज्ञान की भी चेयरपर्सन हैं। यह संस्था उत्तर प्रदेश में है।