Death of Children due to AES in Bihar: बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) से अब तक करीब 125 (स्थानीय मीडिया के अनुसार) बच्चों की मौत हो चुकी है। राज्‍य सरकार जहां इस बीमारी पर काबू पाने में नाकाम साबित हो रही है, वहीं विपक्षी राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) ने उसे निशाने पर लेना शुरू कर दिया। पार्टी के फेसबुक पेज के जरिए एक तंज भरी टिप्‍पणी की गई है, जिसमें कहा गया है- आपने बच्चों को मौत से बचाने के लिए वोट दिया नहीं था, आपने तो अस्पताल के लिए वोट दिया नहीं था…।

गंभीर हैं हालात: बीमारी से सबसे ज्यादा बच्चे मुजफ्फरपुर में मरे हैं। इनकी संख्‍या सौ पार बताई जा रही है। समस्तीपुर, मोतिहारी, पटना और नवादा से भी बच्चों की मौत की खबर आयी है। कई अन्य बच्चों की हालत नाजुक बनी हुई है। अस्‍पताल में डॉक्‍टरों और दवाइयों की किल्‍लत की भी बात सामने आ रही है।

रविवार को करीब 14 दिन बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे मुजफ्फरपुर के दौरे पर पहुंचे। वे बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को लेकर मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच पहुंचे। हालात का जायजा लिया और उचित व्यवस्था का आश्वासन दिया। केंद्रीय मंत्री के वहां रहते हुए भी चार बच्चों ने दम तोड़ा।

राजद का तंज: राजद के आधिकारिक फेसबुक पेज पर सोमवार को एक पोस्ट किया गया है। आलोक कुमार के नाम से पोस्‍ट की गई पंक्‍तियां ये हैं-

आपने तो अस्पताल के लिए वोट दिया नहीं था..

आपने तो अपने बच्चों को मौत से बचाने के लिए वोट दिया नहीं था…

आपने तो उस राष्ट्रवाद के लिए वोट दिया था जिसमें ना तो अस्पताल था, ना ही राष्ट्र था और ना ही राष्ट्र के लोग थे…

आपने तो जिस राष्ट्रवाद को चुना था उसमें घुसकर मारने की बात थी, हिंदू था मुसलमान था, कब्रिस्तान था श्मशान था …

अब आपको आपकी लोकप्रिय सरकार वही दे रही है…

अगली बार बच्चों की लाशें देखिएगा तो क्रंदन करने की बजाय आँखें मूँद कर अपनी चुनी सरकार की जय बोलिएगा…

क्या पता आपकी हरकत देखकर कुछ लोगों को यकीन हो जाए की फरेबी नारों से सरकार तो बन भी जाती है और चल भी जाती है …

लेकिन मर चुके बच्चों की सांसे नहीं चलतीं…

– आलोक कुमार

नीतीश नहीं पहुंचे हैं मुजफ्फरपुर: राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बच्‍चों की मौत पर अफसोस तो जताया है, लेकिन वह खुद अभी तक मुजफ्फरपुर नहीं गए हैं। वहां के सरकारी अस्‍पताल में डॉक्‍टरों व दवाओं की किल्‍लत भी पूरी तरह दूर नहीं हो पाई है। वहीं, चुनाव के दौरान पूरे बिहार में घूम-घूम कर वोट मांगने वाले राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेटे और इस समय पार्टी के संचालक के तौर पर पेश आ रहे तेजस्वी यादव ने भी सरकार पर दबाव बनाने के लिए अब तक कुछ ठोस नहीं किया है। उनके ट्विटर हैंडल पर भी अब तक इस बारे में कुछ टिप्‍पणी नहीं दिखाई दे रही है।