Bihar News: कांग्रेस पार्टी के आलाकमान और बिहार कांग्रेस नेताओं के बीच मंगलवार को मीटिंग हुई थी। इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें लालू प्रसाद यादव की आरजेडी की तरफ से सम्मान नहीं दिए जाने से लेकर समुदायों के बीच अपने आधार को बढ़ाने की जरूरत और चिराग पासवान भी शामिल रहे। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि पार्टी को आरजेडी के कारण शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है और उन्होंने बीजेपी से सामूहिक तौर पर लड़ने की जरूरत पर जोर दिया। वहीं कांग्रेस विधायकों ने उम्मीद जताई कि सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे का काम जल्द से जल्द पूरा हो जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नेताओं से संगठन को सभी लेवल पर मजबूत करने का आग्रह किया।

आरजेडी के बारे में सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कुमार ने शिकायत की कि पार्टी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा जैसे एकतरफा फैसले लेने की तरफ बढ़ रही है। एक सूत्र ने बताया कि हाईकमान ने भरोसा दिया कि इन मुद्दों पर काम किया जाएगा। राहुल गांधी ने सलाह दी कि कांग्रेस को सम्मान से समझौता नहीं करना चाहिए। एक सूत्र ने कहा कि गांधी ने कहा कि अगर कांग्रेस अपने लिए जगह बनाएगी तो सहयोगी दल उसका सम्मान करना शुरू कर देंगे।

चिराग पासवान की पार्टी की भी चर्चा

एलजेपी ने पिछली बार विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ा था। कांग्रेस नेताओं को इस बात की चिंता थी कि चिराग पासवान का गुट अब एनडीए के साथ चला गया है। इसका भी असर पड़ेगा। मीटिंग में मौजूद नेता ने कहा कि पिछली बार एलजेपी ने एनडीए के वोट काटे थे। इसकी वजह से हमें कई सीटों पर फायदा मिला था। हालांकि, इस बार ऐसा नहीं होगा। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी ने सभी पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी।

एक नेता ने आरजेडी के मूल वोटर्स का आधार मुस्लिम और यादवों के बाहर के समुदायों के लिए पार्टी की गंभीरता की तारीफ की। नेता ने कहा, ‘मुसलमान किसी भी ऐसे गुट का समर्थन करेंगे जो बीजेपी के खिलाफ है, जबकि तेजस्वी यादव को यादव समुदाय का समर्थन हासिल है। आलाकमान ने हमें मल्लाह, राजभर और नई जैसे गैर-यादव ओबीसी समुदायों पर फोकस करने के लिए कहा है।’

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एमबीसी पर फोकस करेंगे

नेता के मुताबिक, इंडिया गठबंधन अपने सामाजिक आधार को बढ़ाने के लिए एमबीसी पर फोकस करेंगे। गैर यादव ओबीसी और दलित बिहार की आबादी का लगभग 50 फीसदी हैं। इस वक्त 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के 19 विधायक हैं। पार्टी ने 2020 में आरजेडी और वामपंथी दलों के महागठबंधन के तौर पर 90 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसका स्ट्राइक रेट बहुत खराब था। यह आरजेडी के स्ट्राइक रेट से कम था।

सीट बंटवारा पहले पूरा करने पर फोकस

बिहार के मौजूदा कांग्रेस विधायकों ने हाईकमान से सीटों का बंटवारा काफी पहले पूरा करने पर जोर दिया। ऐसा इसलिए ताकि कैंडिडेट्स को तैयारी करने के लिए भरपूर समय मिल सके। पार्टी के एक नेता ने बिहार में लंबे वक्त तक चलने वाली योजना पर बात की। इतना ही नहीं उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बीजेपी ने ओडिशा में कैसे लंबा खेल खेला, जिसमें आदिवासियों जैसे छोटे समुदायों के बीच काम करना भी शामिल था। एक नेता ने कहा कि 2024 में उन्हें इसका फल मिला और अब राज्य में एक सीएम है।

कुमार ने पार्टी नेताओं से अपने संबोधन में कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ काम करने की जरूरत है। भारतीय जनता पार्टी सत्ता चुराने के बाद सत्ता में है। हमने उन्हें हटाने की रणनीतियों पर चर्चा की। हम अपने संगठन को मजबूत कर रहे हैं और हमारे अभियान लोगों के मुद्दों को ध्यान में लाएंगे। मीटिंग खत्म होने के बाद कुमार ने कहा कि गठबंधन को लेकर किसी भी तरह का कोई भ्रम नहीं है। उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे पर चर्चा करना अभी जल्दबाजी होगी।

कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रचार के लिए मौजूद रहेंगे

आलाकमान ने नेताओं से कहा कि कांग्रेस के बड़े नेता प्रचार के लिए मौजूद रहेंगे। बिहार की राजनीति में हाल ही में शामिल हुए चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी चर्चा में शामिल रही। बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए AICC बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लवरु ने कहा कि किशोर के साथ गठबंधन का फैसला गठबंधन के सहयोगी लेंगे। बिहार में ‘सिमट’ रही कांग्रेस को संजीवनी दे पाएगी कन्हैया कुमार की यात्रा?