बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए यूपी में सपा-बसपा गठबंधन का समर्थन किया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि देश में अघोषित इमरजेंसी का माहौल है। आज देश में नौजवान बेरोजगार हैं। उन्होंने कहा कि पिता लालू यादव जी ने जो कल्पना की थी वह अब जाकार साकार हुई है। हमने अखिलेश यादव और मायावती जी को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि जो अंग्रेजों के गुलाम रहे वो आज देश की सत्ता पर काबिज हो चुके हैं। संघ के एजेंडे पर आज संविधान से छेड़छाड़ हो रही है। यूपी बिहार में तो भाजपा का सफाया तय है। अखिलेश संग प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने कहा कि यूपी की 80, बिहार की 40 और झारखंड की 14 सीटों पर भाजपा को मात देते हैं तो वह अपने आप 100 से भी कम पर पहुंच जाएगी। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने लोगों को सिर्फ बड़े-बड़े सपने दिखाने का काम किया। बिहार के चुनाव में तो बोली लगाई गई। जिस विशेष राहत पैकेज का ऐलान किया गया उसका कुछ नहीं हुआ।
इसके अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तेजस्वी को धन्यवाद देते हुए कहा कि देश में किसान, नौजवान और व्यापारी सभी दुखी हैं। यूपी में जो गठबंधन हुआ है उससे पूरे देश में खुशी है। अखिलेश ने सीएम योगी को जवाब देते हुए कहा कि उनकी सरकार थोड़ी जा रही थी जो वो मायावती के सामने नाक रगड़े। जिनकी सरकार जा रही है वो नाक रगड़ें। दरअसल यूपी के सीएम योगी ने न्यूजतक के एक कार्यक्रम में कहा था कि बसपा प्रमुख अगर सपा को दस सीटें भी देतीं तो अखिलेश नाक रगडकर मान जाते। तब योगी ने कहा कि सपा कन्नौज की सीट भी नहीं बचा पा रही है।
Manoj Arora, an alleged close aide of Robert Vadra today appeared before the Enforcement Directorate (ED) in connection with a money laundering case. Questioning is underway.
— ANI (@ANI) January 14, 2019
RJD leader Tejashwi Yadav in Lucknow: CBI and ED are no longer agencies, they have now become alliance partners of BJP.Lalu ji is in jail only because Modi ji saw him as a threat pic.twitter.com/QwYyF9yKkl
— ANI UP (@ANINewsUP) January 14, 2019
जानना चाहिए कि सपा प्रमुख अखिलेश और बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस को दरकिनार करते हुए राज्य में 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। दो सीटें सहयोगी पार्टियों के लिए छोड़ी गई है जबकि अमेठी और रायबरेली की सीटें नैतिकता के आधार पर कांग्रेस के लिए छोड़ी गईं।