नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर 16 साल पूरे कर लिए हैं। मुख्यमंत्री के रूप में 16 साल पूरा करने पर सरकार और जदयू ने कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए हैं। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि बिहार की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है है। साथ ही उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को नीति आयोग की रिपोर्ट देखनी चाहिए। इस दौरान राजद विधायक तेज प्रताप यादव भी उनके साथ नजर आए।
विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार अपराध, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी में नंबर एक पर है। सारा कारखाना चौपट हो गया। शिक्षा बदहाल और स्वास्थ्य विभाग आईसीयू में चला गया है। मौजूदा सरकार में किसी की सुनवाई नहीं होती है। 16 साल बेमिसाल नहीं बदहाल 16 साल रहे हैं। स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। मुख्यमंत्री को कोई ज्ञान नहीं है।
इस दौरान तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट में कई सूचकांक में बिहार लगातार पीछे रहा है। मुख्यमंत्री बिहार की जनता के प्रति गंभीर होते तो नीति आयोग की रिपोर्ट को जरूर पढ़ते और सुधार करते। जो व्यक्ति रिपोर्ट कार्ड पढ़ेगा ही नहीं वो क्या काम करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि हमने नीति आयोग में दर्शाए गए सभी मसलों को लेकर आवाज उठाई लेकिन सरकार के पास जवाब नहीं रहा। अब जब नीति आयोग ने कहा है तब भी सरकार कह रही है कि हमने देखा नहीं है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों जारी किए गए नीति आयोग के रिपोर्ट में बिहार को सबसे गरीब राज्य बताया गया है। राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक के अनुसार बिहार की 51.91 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है। बिहार के 38 जिलों में से किशनगंज सबसे गरीब जिला है। किशनगंज में करीब 64.75 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। बिहार के कुल 38 जिलों में 11 जिलों में अभी भी 60 फीसदी से ज्यादा लोग गरीब हैं।
नीति आयोग के राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक को तीन चीजों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर शामिल हैं। ये सूचकांक पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, प्रसवपूर्व देखभाल, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने के ईंधन, स्वच्छ, पेयजल, बिजली, आवास, संपत्ति और बैंक खाते जैसे 12 संकेतकों द्वारा दर्शाए जाते हैं।