पवनीत सिंह चड्ढा.

गुरुग्राम में खुले में नमाज पढ़ने का विरोध लगातार जारी है। इस शुक्रवार को भी हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने खुले में नमाज पढ़ने का विरोध किया और भारत माता की जय कहना होगा जैसे नारे भी लगाए। हिंदू संगठनों के विरोध को देखते हुए नमाज पढ़ने पहुंचे लोग वापस हो गए।    

भगवा धारण किए हुए कई युवक जो शुक्रवार को खुले में नमाज पढने का विरोध करते हैं वो अपने को संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति से जुड़े होने का दावा करते हैं। इनके लिए पूरे सप्ताह रणनीति बनाना, मोटरसाइकिल और कार से चक्कर लगाना और खुले नमाज पढ़ने के विरोध का वीडियो बनाना एक मानक प्रोटोकॉल हो गया है। नमाज का विरोध करने वाले युवकों में एक पूर्व पहलवान और एक बेरोजगार भी है जो अब हिंदू नाम से जाना जाता है। साथ ही इन युवाओं में एक प्रॉपर्टी डीलर भी है जो खुद को सामाजिक कार्यकर्ता मानता है। 

खुले में नमाज पढ़ने का विरोध कर रहे युवक इस शुक्रवार को काफी ज्यादा उत्साहित थे। क्योंकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पिछले दिनों बयान दिया था कि सार्वजनिक स्थानों पर नमाज नहीं होनी चाहिए। सीएम खट्टर के इस बयान को हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता अपने समर्थन के रूप में देख रहे थे।

सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में अक्सर शामिल होने वाले अमित नाम के एक युवक ने कहा कि अगर भारत में रहना है तो भारत माता की जय बोलना होगा। इन्हीं विरोध प्रदर्शनों में एक पूर्व पहलवान भी शामिल रहता है जो बजरंग दल का सदस्य होने और राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के युवा मोर्चा के अध्यक्ष होने का दावा करता है। साथ ही वह यह भी दावा करता है कि वह 15 वर्षों से हिंदू दक्षिणपंथी समूहों से जुड़ा हुआ है।

अक्सर भगवा पहनने वाला और अपने बालों को बांधकर रखने वाला अमित अपना अंतिम नाम हिंदू बताता है। बकौल अमित उसने गुरुग्राम के एक कॉलेज से बीए की पढ़ाई की। बाद में उसका मन पढ़ाई में नहीं लगा। जिसके बाद “हिंदुओं के हितों” के लिए उसने पूर्णकालिक काम करना शुरू कर दिया। दो सप्ताह पहले वह भी सेक्टर 37 पुलिस स्टेशन के बाहर धरना देने वालों में शामिल था। जहां करीब 10 लोगों को हिरासत में लिया गया था।

5 नवंबर को हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने नमाज पढ़ने वाली जगह पर गोवर्धन पूजा का आयोजन किया था। इसमें अमित को भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने धर्म योद्धा के रूप में सम्मानित किया था। इससे पहले 29 अक्टूबर को भी अमित को नमाज पढ़ने का विरोध करने को लेकर गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसने पुलिस के द्वारा हिरासत में लिए जाने की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया अकाउंट से भी शेयर की थी।

खुले में नमाज पढ़ने का विरोध करने वाले अमित ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह बेरोजगार है और सिर्फ हिंदू समाज एवं देश के लिए काम करता है। साथ ही उसने बताया कि वह गिरफ्तारी से नहीं डरता। उसे यह भी नहीं पता है कि उसे कितनी बार गुड़गांव और यहां तक ​​कि चंडीगढ़ और गाजियाबाद में हिरासत में लिया गया या गिरफ्तार किया गया है। उसने बातचीत में कहा कि वे लोग गुड़गांव और पूरे भारत में अपना विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रखेंगे जब तक कि खुले में नमाज बंद नहीं हो जाती। जो लोग यह चाहते हैं वे पाकिस्तान जा सकते हैं। यह हिंदुओं का देश है। लोग मस्जिदों के अंदर नमाज़ क्यों नहीं पढ़ सकते?

नमाज का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों में कई अमित के परिचित या दोस्त हैं। वे पिछले कुछ हफ्तों से गुड़गांव के मैदानों में नमाज़ बंद करते हुए दिखाई दिए हैं। सेक्टर 37 में उसके कई दोस्त ने ट्रक खड़े किए, हवन किए, यहां तक ​​कि क्रिकेट भी आयोजित किया है, ताकि मैदान में नमाज अदा करने से रोकी जा सके।

नमाज का विरोध करने वालों में एक 33 वर्षीय परवीन यादव भी है, जो सरहौल गांव का एक रियल एस्टेट कारोबारी हैं। उसका दावा है कि वह गरीबों के लिए मानवता संगठन चलाता है। प्रवीन यादव ने बताया कि वह हर सप्ताह के दौरान उन जगहों पर चर्चा करने के लिए बैठक करता है जहां अवैध रूप से नमाज अदा की जा रही है। देर शाम एक घंटे तक हम अपनी आस्था से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते हैं। हमारे सूत्र हमें सूचित करते हैं कि अमुक जगह पर नमाज के लिए लोगों के इकट्ठा होने की संभावना है। हम वहां जाते हैं और उन्हें सूचित करते हैं कि प्रशासन ने अनुमति वापस ले ली है और उन्हें जाने के लिए कहा है। यह नमाज़ नहीं है बल्कि यह मुसलमानों का जमीन पर कब्जा करने का तरीका है। यादव ने यह भी कहा कि इस प्रदर्शन की वजह से समान विचार वाले लोग एक साथ आ गए हैं। अगर यह हमारे विश्वास का मुद्दा है तो हमें आगे बढ़ना होगा।