भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर अपना पहला आधिकारिक बयान देते हुए कहा कि इस तरह के मुद्दों को संविधान के अनुसार सुलझाया जाएगा और अदालतों द्वारा तय किया जाएगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पार्टी ने हमेशा सांस्कृतिक विकास के बारे में बात की है और अदालत के आदेश का अक्षरश: पालन करेगी।

नरेंद्र मोदी सरकार की आठवीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से बात करते हुए जेपी नड्डा ने कहा, ““हम हमेशा सांस्कृतिक विकास के बारे में बात करते रहे हैं। लेकिन इन मुद्दों को संविधान और अदालतों के फैसले के अनुसार निपटाया जाता है। इसलिए, अदालत और संविधान इस पर फैसला करेंगे और भाजपा इसका पालन करेगी।” जून 1989 के पालमपुर प्रस्ताव के बाद भाजपा ने राम जन्मभूमि आंदोलन शुरू किया था। लालकृष्ण आडवाणी ने यह सुनिश्चित करने के लिए रथ यात्रा की घोषणा की थी कि भगवान राम के जन्मस्थान पर एक मंदिर का निर्माण किया जाए”।

बता दें कि सोमवार को बीजेपी की एक दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में बतौर मुख्य अतिथि योगी आदित्यानाथ शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि काशी में काशी विश्‍वनाथ धाम का उद्घाटन होने के बाद प्रतिदिन एक लाख श्रद्धालु काशी विश्‍वनाथ धाम के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के बाद मथुरा, वृंदावन, विंध्यवासिनी धाम, नैमिष धाम सभी तीर्थ एक बार फ‍िर से नई अंगड़ाई लेते हुए दिखाई दे रहे हैं और इन स्थितियों में हम सबको एक बार फ‍िर आगे बढ़ना होगा।

संवाददाता सम्मेलन में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा एक मजबूत राष्ट्र के निर्माण में सभी को साथ लेकर चलने को तैयार है। उन्होंने मोदी सरकार में लोगों (मुस्लिमों) के एक वर्ग खुद अलग-थलग महसूस करने वाले सुझावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ‘सबका साथ, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के सिद्धांत पर काम करती है।

उत्तराखंड सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता कानून बनाने पर जेपी नड्डा ने कहा, “यह ठीक है। वे (उत्तराखंड) इस पर चर्चा कर रहे हैं। हम कहते रहे हैं कि सभी के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए। हमारी व्यापक रूपरेखा सभी के लिए न्याय है और किसी का तुष्टिकरण नहीं है। यह हमारा मूल सिद्धांत है और हम उसी के अनुरूप काम कर रहे हैं।”