मुंबई पुलिस पर रिपब्लिक टीवी के कंसलटिंग एडिटर प्रदीप भंडारी को कई घंटे हिरासत में रखने के आरोप लग रहे हैं। दरअसल प्रदीप भंडारी पर आरोप है कि जब बीएमसी द्वारा कंगना रनौत के घर में तोड़-फोड़ की गई, तब प्रदीप भंडारी ने वहां भीड़ जमा करने की कोशिश की थी और सरकारी कामकाज में खलल डालने का भी प्रयास किया था। वहीं प्रदीप भंडारी ने आरोप लगाया है कि मुंबई पुलिस ने उन्हें कई घंटे तक हिरासत में रखने के साथ ही उनके तीन फोन को गैरकानूनी तरीके से अपने कब्जे में ले लिया है। प्रदीप भंडारी का आरोप है कि ये सब तब हुआ, जब उन्हे सेशन कोर्ट से इस मामले में पहले ही अग्रिम जमानत मिल चुकी है।
इस मुद्दे पर रिपब्लिक भारत टीवी चैनल पर अर्नब गोस्वामी ने एक डिबेट कार्यक्रम का भी आयोजन किया और महाराष्ट्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। डिबेट में खार पुलिस स्टेशन के सामने से रिपोर्टिंग कर रहे रिपब्लिक के पत्रकारों से भी बातचीत की। इस दौरान पत्रकारों ने बताया कि पुलिसकर्मी उनकी वीडियो बना रहे हैं। इस पर अर्नब गोस्वामी ने अपने पत्रकारों से कैमरे से उन्हें दिखाने की बात कही और उनसे जाकर सवाल करने को कहा।
इस पर रिपब्लिक के पत्रकार पुलिस स्टेशन के बाहर मौजूद पुलिसकर्मियों के पास पहुंचे और उनसे सवाल किया कि प्रदीप भंडारी के मोबाइल फोन को क्यों जब्त किया गया? जिस पर एक पुलिस अधिकारी ने पत्रकारों को सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने और बाहर जाने को कहा। यह सारी बात कैमरे पर हो रही थी तो स्टूडियो में बैठे अर्नब गोस्वामी इस पर भड़क गए।
अर्नब ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐ…ठीक से बात करो, ऊंगली नीचे करने को बोलो उसे। रिपब्लिक के पत्रकारों ने पुलिस पर प्रदीप भंडारी का शारीरिक उत्पीड़न करने का आरोप लगाया।
बता दें कि प्रदीप भंडारी भी इन्हीं पत्रकारों के साथ थे और उन्होंने भी पुलिस पर सवालों की झड़ी लगा दी कि उनके फोन किस आधार पर सीज किए गए और समन के नाम पर उन्हें न्यायिक हिरासत में क्यों रखा गया? हालांकि पुलिस की तरफ से इसे लेकर कोई जवाब नहीं दिया गया। अर्नब गोस्वामी और प्रदीप भंडारी ने इस मुद्दे को लेकर मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।