रिपब्लिक टीवी और मुंबई पुलिस के बीच जारी तनातनी अभी भी बनी हुई है। आज जब मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक की आउटपुट एडिटर सागरिका मित्रा को पूछताछ के लिए बुलाया तो रिपब्लिक के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी भी उनके साथ पुलिस स्टेशन गए। अर्नब गोस्वामी अपने कर्मचारियों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए उनके साथ पुलिस स्टेशन जा रहे हैं।

बता दें कि मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के खिलाफ चार एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें चैनल के एक्जीक्यूटिव एडिटर, एंकर, रिपोर्टर्स और अन्य संपादकीय कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इन्हीं मामलों में पुलिस द्वारा रिपब्लिक के कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है।

इससे पहले टीआरपी विवाद को लेकर रिपब्लिक टीवी और मुंबई पुलिस आमने सामने आए थे। रिपब्लिक टीवी ने दावा किया है कि टीआरपी घोटाले की एफआईआर में उसका नाम नहीं है और मुंबई पुलिस द्वारा उन्हें बेवजह निशाना बनाया जा रहा है। इसके बाद से ही रिपब्लिक टीवी और मुंबई पुलिस के बीच तनातनी का माहौल बना हुआ है।

वहीं कुछ लोगों ने अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी का समर्थन भी किया और मुंबई पुलिस की आलोचना की। एक यूजर ने लिखा कि ‘जिन लोगों ने बिहार पुलिस का अपमान किया था, वही अपना सम्मान जबरदस्ती ढूंढ रहे हैं। हास्यास्पद।’

मुंबई पुलिस के मुताबिक रिपब्लिक टीवी ने पुलिस विभाग के खिलाफ अपमानजनक खबरें चलायीं थी। ये खबरें पुलिसकर्मियों को कथित तौर पर कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ उकसा सकती थीं। पुलिस ने एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी के खिलाफ सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के मामले में भी एफआईआर दर्ज की है। टीआरपी में हुई कथित धांधली की जांच भी मुंबई पुलिस द्वारा की जा रही है।

रिपब्लिक टीवी द्वारा इसे मुंबई पुलिस द्वारा प्रेस की आजादी पर खुला हमला बता रहा है। सोमवार को अपने टीवी शो में अर्नब गोस्वामी ने मुंबई पुलिस कमिश्नर, सीएम उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ जमकर निशाना साधा। शो में अर्नब गोस्वामी ने दावा किया कि देश की 130 करोड़ जनता भी रिपब्लिक के साथ खड़ी है। अर्नब ने कहा कि देश की जनता समझ चुकी है कि चैनल की आवाज, उनकी आवाज है। सच की जीत का इंतजार कर रही है।

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने चैनल की रिपोर्टिंग को लेकर नाराजगी जाहिर की है। सीजेआई जस्टिस बोबडे ने कहा कि ‘रिपोर्टिंग में जिम्मेदारी होनी चाहिए। कुछ चीजों को बेहद सावधानी से कवर किया जाना चाहिए। ईमानदारी से कहूं तो मैं इसके साथ नहीं खड़ा हो सकता हूं।’