पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। जहां तृणमूल कांग्रेस लगातार भाजपा पर सांप्रदायिक राजनीति के जरिए वोटरों को लुभाने का आरोप लगा रही है, वहीं भाजपा का कहना है कि राज्य की मुख्यमंत्री को चुनाव के वक्त हिंदू वोटरों की याद आ रही है, इसलिए वे मंच से चंडीपाठ का नाटक कर रही हैं। इस बीच रिपब्लिक टीवी की डिबेट में अर्नब गोस्वामी ने भी यही सवाल दोहराए हैं। अर्नब ने अपने शो पूछता है भारत में सीधा सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर टीएमसी को भाजपा के जय श्री राम के नारे से दिक्कत क्यों है?
तृणमूल सरकार से क्या थे अर्नब गोस्वामी के सवाल?: रिपब्लिकी टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब ने शो में पूछा, “ये तृणमूल कांग्रेस को भाजपा के जय श्री राम के नारे से दिक्कत क्या है? इस चुनाव से पहले भी क्या कभी ममता ने पहले मंच से चंडीपाठ किया है। या सिर्फ इलेक्शन से पहले उन्हें चंडीपाठ याद आ गया। कल शायद हनुमान चालीसा भी पढ़ें। बंगाल में पिछड़ी हिंदू जातियों को आरक्षण का फायदा क्यों नहीं दिया गया। क्या चुनाव आते ही अचानक ममता बनर्जी को हिंदू वोटर याद आ जाते हैं। ये सवाल सिर्फ पूरा बंगाल पूछता है।”
पैनलिस्ट ने कहा- 2021 में ये दिन देखने को मिल रहाः दूसरी तरफ डिबेट के दौरान पैनलिस्ट के तौर पर आए आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु रितेश्वर महाराज ने टीएमसी और अन्य राजनीतिक दलों के हिंदूवाद की राजनीति का पालन करने पर कहा, “ये आज भारत के राष्ट्रवाद और भारत की नैतिक और वैचारिक जीत है। ये राम का देश, ये कृष्ण का देश, ये सनातन परंपरा का देश, ये राष्ट्रवादियों का देश। चाहे चुनाव के कारण ही सही। चाहे किसी कारण से ही, लेकिन भारतवर्ष को 2021 में वो दिन देखने को मिला है।
रितेश्वर महाराज ने आगे कहा, “सारी राजनीतिक पार्टियां, जो कभी सनातन धर्म, राष्ट्रवाद और हिंदू को अछूत समझते थे, उन्हें आज लाखों की भीड़ के सामने अपने राजनीतिक मंच से चंडीपाठ, हनुमान चालीसा और रामचरितमानस की चौपाइयां पढ़नी पड़ रही हैं। ये वैचारिक जीत, नैतिक जीत है। इस जीत के लिए हम सब राष्ट्रवादी लोग 70 सालों से तड़प रहे थे कि ऐसी जीत हमें मिले।