रिपब्लिक टीवी और मुंबई पुलिस कमिश्नर के बीच जारी तनातनी अब टीआरपी घोटाले से ‘हिंदू आतंकवाद’ की तरफ मुड़ती दिखाई दे रही है। दरअसल रिपब्लिक टीवी ने साध्वी प्रज्ञा पर हिरासत के दौरान पुलिस प्रताड़ना का मुद्दा उठा दिया है। दरअसल साध्वी प्रज्ञा मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी हैं और इस मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस ने की थी। जिस वक्त मालेगांव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा को हिरासत में लिया गया था, उस वक्त परमबीर सिंह एटीएस के डीआईजी के पद पर तैनात थे।

यही वजह है कि साध्वी प्रज्ञा का मुद्दा उठाकर अर्नब गोस्वामी मुंबई पुलिस के मौजूदा कमिश्नर परमबीर सिंह को घेरने का प्रयास कर रहे हैं। अपने टीवी कार्यक्रम में इस मुद्दे पर आयोजित हुए डिबेट कार्यक्रम में बतौर पैनलिस्ट एक हिंदू संत ने साध्वी प्रज्ञा को प्रताड़ित करने को लेकर मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के इस्तीफे की मांग की। इस पर डिबेट में मौजूद शिवसेना नेता विक्रम सिंह ने आपा खो दिया और कहा कि “ये जिहादी हर रोज सनात के ऊपर हमले कर रहे हैं, तब आपकी चूं तक नहीं निकलती और हिंदुओं के खिलाफ आप टूटकर पड़ रहे हैं। लानत है तुम पर।”

विक्रम सिंह ने कहा कि “हिंदू नाबालिग लड़कियों का जबरन निकाह सबसे बड़ी समस्या है लेकिन उसके खिलाफ आप लोग कुछ नहीं बोलते। रोज लड़कियों को मारा जा रहा है, उसके लिए कौन संत बोलता है?”

इसी कार्यक्रम के दौरान अर्नब गोस्वामी ने कहा कि “क्या राष्ट्रभक्त होना अपराध है? क्या राष्ट्र विरोधियों का कोई मानवाधिकार नहीं होता है? क्या भगवाधारी होना कोई गुनाह है? फिर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को बिना किसी सबूत के इतनी यातना क्यों दी गई और जिस परमबीर सिंह ने साध्वी को बिना सबूत इतना प्रताड़ित किया, वो आज इतने जिम्मेदार पद पर कैसे है?”

बता दें कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भी रिपब्लिक टीवी के एक शो में मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि महाराष्ट्र में उनके ऊपर गलत आरोप लगाए गए थे। इसके लिए एटीएस के अधिकारी जिम्मेदार थे। षडयंत्र कर उन्हें फंसाया गया।

प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि परमबीर षडयंत्रकारी है और उन्हें बड़े पदों पर बिठाना एक बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है। ‘भगवा आतंकवाद’ को साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कांग्रेस का षडयंत्र करार दिया।